प्रयागराज: बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे अंतरराज्यीय गिरोह (आईएस-191) के सरगना मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में MP- MLA कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही मुख्तार अंसारी पर 2 लाख 2 हजार रुपये का जुर्माना भी कोर्ट ने लगाया है।
आपको बता दें कि मंगलवार को बांदा जेल से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेष न्यायाधीश (MP-MLA) अवनीश गौतम की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाए गए। मुख्तार अंसारी की आज यानि 12 मार्च को सजा का ऐलान किया है। वहीं, भ्रष्टाचार के मामले में मुख्तार अंसारी दोषमुक्त कर दिया गया था।
जानिए क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप लगा कि उसने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। गाजीपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया था। फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सीबीसीआईडी द्वारा चार दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 1997 में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया गया।