चंबल में बारिश थमी, नादिया उफान पर, टापू बने दर्जनों गांव फंसे लोगों को सेना ने सुरक्षित बाहर निकाला

ग्वालियर चंबल अंचल में बारिश थम चुकी है, लेकिन नादिया उफान पर होने के कारण हर तरफ बाढ़ ही बाढ़ नजर आ रही है। कई जगह हालत सामान्य है, लेकिन भितरवार अनुविभाग के पवाया मानपुर में अभी भी सेना की ओर से लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। डबरा नगर में भी अधिकांश स्थानों पर जल भराव की स्थिति देखने को मिल रही थी। सबसे ज्यादा खराब हालात नंदू के डेरा के रहे, जहां रात्रि तक रेस्क्यू अभियान चला और लगभग एक सैकड़ा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। सहराई पुल के आसपास के इलाकों में भी पानी भरा रहा, यहां से भी लोगों को सुरक्षित निकाला गया।

रात को नोन नदी का बहाव कम होने के चलते डबरा भितरवार रोड पर आवागमन शुरू हो चुका है, जबकि छीमक के रास्ते ग्वालियर जाने वाले पुल पर अभी भी पानी चल रहा है जिसके चलते मार्ग बंद है। दौलतपुर रिझोरा का पुल पर पानी के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है।

बता दें कि डबरा एवं भितरवार अनुविभाग में मडी खेड़ा और अपर ककेटो से पानी छोड़े जाने के चलते नदियों के जलस्तर में काफी बढ़ोतरी हुई थी। जिससे कई जगह जल भराव की स्थिति देखने को मिल रही थी। सिंध,पार्वती और नोन नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था। सिंध नदी के किनारे बसे धूमेश्वर पवाया के पास मानपुर बस्ती में लोगों के फंसे होने की सूचना मिलने पर भितरवार एसडीएम देवकीनंदन सिंह, एसडीओपी जितेंद्र नागायच सेना की रेस्क्यू टीम के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को बाहर निकाला।

शुक्रवार से बारिश थमने के साथी नदियों के जलस्तर में भी गिरावट देखने को मिल रही है। सिंध नदी के जलस्तर में लगभग पांच फीट की गिरावट आई है। पुल के ऊपर से बह रही नोन नदी का जलस्तर कम होने से डबरा भितरवार मार्ग शुरू हो गया है। भानगढ़ पुल पर थोड़ा पानी ही बचा है। 2 घंटे बाद यहां से भी ग्वालियर जाने का मार्ग खुल जाएगा।

नगर के समाजसेवियों द्वारा लोगों के खाने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं, प्रशासन भी लोगों का स्वास्थ्य और खाने की व्यवस्था भी अपने स्तर पर करने में लगा हुआ है। लेकिन, घरों को छोड़कर बाहर निकले लोगों वापस जाने का इंतजार कर रहे हैं।

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