
दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से नीचे पहुंच गई है। इससे नदी में पानी तेजी से कम हो रहा है। हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे सामान्य मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि दिल्ली से जल निकासी करीब चार गुना ज्यादा हो रहा है। इससे एक-दो दिन में बाढ़ प्रभावित इलाकों में जन जीवन सामान्य हो जाने की उम्मीद है।
बाढ़ प्रभावित इलाके यमुना बाजार, मॉनेस्ट्री मार्केट से गाद निकाली जा रही है। लोगों के घरों में तीन-चार फुट तक गाद जमा है। इस सीजन में 4 अगस्त को यमुना का अधिकतम जलस्तर 207.48 मीटर तक पहुंचा, लेकिन तीन दिन बाद 7 अगस्त को ही स्थिति फिर से सामान्य होती नजर आई। 2023 में आई बाढ़ को देखते हुए ये माना जा रहा था कि इस बार भी जलभराव की स्थिति लंबी खिंच सकती है, लेकिन पहले से बाढ़ की तैयारियां पूरी होने के कारण स्थिति जल्दी सुधरती दिख रही है।
बाढ़ से निपटने की तैयारियां रहीं कारगर
आईटीओ सहित दिल्ली के सभी बैराज के गेट पहले ही पूरी तरह खोल दिए गए। इससे यमुना के बहाव में अवरोध नहीं पैदा हुआ। पिछली बाढ़ के लिए आईटीओ बैराज के बंद पड़े चार गेट और नदी के बहाव वाले रास्ते में दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल परियोजना के कारण पड़ी मिट्टी और निर्माण कचरा, बड़ी बाधा बने थे। इस कारण दिल्ली को बड़े पैमाने पर बाढ़ की मार झेलनी पड़ी।
आईटीओ और रिंग रोड पर नहीं बंद हुआ ट्रैफिक
आईटीओ चौराहे पर करीब दो महीने पहले सीवेज सिस्टम को नए सिरे से बदला गया। इस कारण इस बार यमुना में बाढ़ के दौरान इस जगह पर सीवेज ओवरफ्लो के कारण जलभराव नहीं हुआ। 2023 में आईटीओ चौराहे से लेकर राजघाट-सराय काले खां फ्लाईओवर तक सड़क तालाब की तरह दिखती थी। कई बार ज्यादा जलभराव के कारण इस रूट पर ट्रैफिक भी बंद करना पड़ा। इस बार यहां बिल्कुल जलभराव नहीं हुआ। इसी तरह से रिंग रोड पर इस बार करीब 20 घंटे जलभराव हुआ, लेकिन पंपों की मदद से पानी जल्द हटाया गया। इस बीच यहां से ट्रैफिक लगातार चलता रहा।