हरियाणा: खेल के दम पर अंशु बनीं दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल

10 साल पहले हांसी के शांति निकेतन की रहने वाली अंशु मोर सड़क हादसे का शिकार हो गई थी। रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई थी। दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया। दो साल तक बेड पर पड़ी रही। आधा अंग बेजान हो गया। पैरों की जगह व्हीलचेयर ने ले लिया, पर परिवार का साथ और खुद के आत्मविश्वास ने अंशु को कभी हारने नहीं दिया।

अंशु ने दीपा मलिक को प्रेरणास्रोत मानकर चक्का और भाला फेंकने का प्रशिक्षण लेना शुरू किया तो सफलता भी कदम चूमने लगी। अपने खेल कौशल के दम पर पिछले माह उसने दिल्ली पुलिस की नौकरी हासिल की तो इसी साल 10 से 13 जनवरी तक गोवा में हुई नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अंशु ने 10.76 मीटर भाला फेंक चांदी जीती है।

दो साल से अंशु मोर हिसार के विद्युत नगर के मैदान कोच रिंकू रानी के पास अभ्यास कर रही हैं। अंशु अपनी माता सुमित्रा के साथ रोजाना स्कूटी पर हिसार प्रैक्टिस करने आती हैं। कभी-कभी पिता रामफल मोर भी आते हैं। इसी माह 10 से 13 जनवरी तक गोवा में हुई नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अंशु ने 10.76 मीटर भाला फेंक चांदी जीती है।

दिसंबर 2023 में अंशु ने दिल्ली पुलिस में मिनिस्ट्रियल विभाग में हेड कांस्टेबल के पद पर नौकरी पाई है। वह बताती हैं कि वर्ष 2014 में वह दसवीं कक्षा में पढ़ती थी। स्कूल की छुट्टी के बाद बस से घर लौट रही थी। बस से उतरते समय रोड क्राॅस कर रही थी कि ट्रक ने उसे टक्कर मार दी थी। अंशु एमए सेकंड ईयर की छात्रा है। वह ग्राउंड पर अभ्यास करने के बाद घर के सामने प्लाॅट में प्रैक्टिस करती हैं।

पहली बार खेला नेशनल, जीती चांदी
अंशु मोर ने जनवरी में पहली बार ही नेशनल खेला, जिसमें उसने रजत पदक हासिल किया। अब वह पैरा ओलंपिक और एशियन गेम्स की तैयारी करेंगी। पैरा ओलंपिक इसी साल होगा। अंशु बताती हैं कि रजत पदक को गोल्ड में बदलने का सपना पूरा करना है। वह विद्युत नगर में शाम को दो घंटे अभ्यास करती हैं। वह भाला फेंक के अलावा शॉटपुट भी खेलती हैं। अंशु की दो बहनें और एक भाई है।

दीपा मलिक से प्रेरित होकर मैदान में उतरी थी अंशु
अंशु मोर बताती हैं कि रियो ओलंपिक में उन्होंने यू-टयूब पर एथलेटिक्स खिलाड़ी दीपा मलिक का मुकाबला देखा था। उससे प्रेरणा लेकर दो साल पहले उसने एथलेटिक्स खेलना शुरू किया। माता सुमित्रा और पिता रामफल मोर का काफी सहयोग मिला। कोच रिंकू रानी ने बहुत मोटिवेट किया। अब मेरा सपना पैरा ओलंपिक में देश को स्वर्ण पदक दिलाने का है।

काफी खुशी की बात है कि अंशु मोर की दिल्ली पुलिस में नौकरी लगी है। अंशु से अन्य बेटियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। शनिवार को मैदान पर स्वागत किया गया था। वह दो साल से यहां प्रैक्टिस कर रही है। – रिंकू रानी, कोच, एथलेटिक्स, खेल विभाग

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