दिल्ली : उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को सदन में जल्द बजट पेश करने को कहा

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार को जल्द सदन के पटल पर बजट रखने को कहा है। इसे लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा है कि 19 फरवरी को ही राष्ट्रपति ने बजट को मंजूरी दे दी थी। इसके बावजूद बजट को सदन के पटल पर नहीं रखा गया।

उन्होंने मंत्रिपरिषद की सलाह पर 15 फरवरी को विधानसभा के बजट सत्र को संबोधित किया था। इसमें आगामी वित्तीय वर्ष के दौरान सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और नए क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रम की जानकारी दी थी। साथ ही, सदन को आश्वासन दिया था कि वित्त मंत्री बजट भाषण में विस्तार से जानकारी देंगी, लेकिन बजट प्रस्तुत करने की जगह वित्त मंत्री ने बताया कि वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) की प्रस्तुति में दिल्ली सरकार ओर से इसे अंतिम रूप देने में देरी होगी।

साथ ही, गृह मंत्रालय से मंजूरी हासिल करने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत होगी। उपराज्यपाल ने कहा कि सूचना मिली है कि 19 फरवरी से बजट सरकार के पास उपलब्ध है और अभी तक उपराज्यपाल कार्यालय में नहीं पहुंचा। इसके बाद स्थापित विधि के अनुसार सदन में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के आयोजन से पूर्व सरकार ने बताया था कि बजट सत्र 15 से 21 फरवरी तक होगा। इसे लेकर कैबिनेट ने 31 जनवरी को फैसला लिया था। इसे लेकर दो फरवरी को एलजी हाउस में फाइल आई थी। छह जनवरी को इसे लेकर आदेश जारी कर दिया गया। 

जल्द सदन में पेश होगा बजट
वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि बजट को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए 20 फरवरी के आसपास पेश किया गया था। जल्द ही विधानसभा के समक्ष पेश करने के लिए उपराज्यपाल से मंजूरी ली जाएगी। इसके लिए बजट एलजी कार्यालय भेजने की दिशा में काम किया जा रहा है। बजट पूरे वित्त वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज है, इसलिए उचित परिश्रम की आवश्यकता होती है।

13 फरवरी को प्राप्त हुआ था बजट
एलजी ने कहा कि वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) एलजी सचिवालय को 13 फरवरी को प्राप्त हुआ। 14 फरवरी को राष्ट्रपति के पास भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। 15 फरवरी को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को भेजा गया। इसके बाद केंद्र सरकार ने तीन कार्य दिवसों के भीतर 19 फरवरी को मंजूरी दे दी। इसके बाद से यह फाइल दिल्ली सरकार के पास रुकी हुई है। दिल्ली वालों के लाभ के लिए वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) को जल्द विधानसभा में रखा जाना चाहिए और पारित किया जाए।

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