छोटी सी उम्र, प्यारी सी मुस्कान पर हौसले आसमान को छूने वाले। यह खबर है सोनिका जाट की जो मात्र 18 साल की उम्र में साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो को फतह करने के लिए निकली है। किलिमंजारो अफ्रीका महाद्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत है और विश्व का सबसे ऊंचा एकल पर्वत है। इसके साथ ही यह दुनिया के 7 समिट्स का पांचवा सबसे ऊंचा पर्वत भी है। सोनिका रविवार रात अपने इस नए मिशन के लिए इंदौर से रवाना हो गई हैं।
मजबूत बनाने के लिए खेतों में वजन उठवाते थे पिता
सोनिका के पिता श्याम जाट ने बताया कि वे किसान हैं और वे देवास जिले के एक छोटे से गांव नवादा खेड़ी में रहते हैं। 15 वर्ष की आयु में जब पहली बार सोनिका का चयन एनसीसी में ग्रुप लेवल पर पर्वतारोहण के लिए हुआ तो पिता ने उसे खेत में प्रैक्टिस करवाना शुरू कर दी। वे खेत में उसे भारी वजन के साथ चलाते और अन्य काम करवाते थे ताकि पहाड़ पर चढ़ने के लिए वह मजबूत बन सके। सोनिका 2021 में एनसीसी से जुड़ी और यहीं से उनका पर्वतारोहण का सफर शुरू हुआ। वह जाट रेजीमेंट नंबर MP21SWA409958 उमिया कन्या महाविद्यालय की छात्रा एवं 1 एमपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी इंदौर की कैडेट है।
कम उम्र में हासिल की बड़ी सफलताएं
सोनिका को स्टेशन छोड़ने आई श्री उमिया कन्या महाविद्यालय की एनसीसी अधिकारी कैप्टन नम्रता सावंत ने बताया कि सोनिका ने एनसीसी जॉइन करने के बाद बेसिक माउंटेनिंग कोर्स किया और हिमालय पर्वतारोहण संस्थान दार्जिलिंग में सफलतापूर्वक अपना बेसिक माउंटेनिंग कोर्स ए ग्रेड के साथ उत्तीर्ण किया। इस बेसिक मॉन्ट्रेनिंग कोर्स में सोनिका ने रेनोक पिक सबमिट किया जिसकी ऊंचाई 16500 फीट थी। इसके पश्चात सोनिका जाट का चयन फिर से एडवांस माउंटेनिंग कोर्स के लिए हुआ जिसे उसने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी में ए ग्रेड के साथ पूर्ण किया। इस पिक में सोनिका ने द्रौपदी का डंडा पिक सबमिट किया जिसकी ऊंचाई 19000 फीट थी। वहां उसने सफलतापूर्वक ए ग्रेड से इस कोर्स को पूर्ण किया साथ ही साथ उसके बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए कैडेट सोनिका को रिसर्च एंड रेस्क्यू मेथड ऑफिसर कोर्स हाई एल्टीट्यूड के लिए रिकमेंड किया गया। सोनिका का सफर यहीं नहीं थमा इसके पश्चात सोनिका ने डीजी एनसीसी के माध्यम से माउंट थेलु सबमिट किया और इस पिक को भी उसने एक ग्रेड के साथ पूर्ण किया जिसकी ऊंचाई 26,000 फीट थी। नम्रता ने बताया कि मात्र 18 साल से भी कम उम्र में सोनिका ने अपने इस माउंटेनिंग के सफर को प्रारंभ किया एवं मात्र 1 वर्ष में ही उसने अपना बेसिक एडवांस कोर्स पूर्ण करते हुए माउंट थेलु पिक को हासिल किया।
रिश्तेदारों और मित्रों से जुटाई बेटी को अफ्रीका भेजने की राशि
सोनिका के पिता ने कहा कि हम खेती किसानी करते हैं और हमारी आय बहुत सीमित है। अभी हमने रिश्तेदारों और अन्य लोगों से मदद लेकर बेटी को देश का नाम रोशन करने के लिए पहुंचाया है। हम मप्र शासन से अपील करते हैं कि वे बेटी को आगे बढ़ने में मदद करें ताकि वह दुनिया में देश का नाम रोशन कर सके।