बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और शहडोल वन वृत्त में बाघों की मौत को लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) ने सख्ती दिखाई है। बाघों की मौत की जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन किया है।
दरअसल, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वर्ष 2021, 2022 और 2023 में बाघ की मृत्यु और शिकार की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक शुभ रंजन सेन ने इसके आदेश जारी किए है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और उसके आसपास के वन मंडलों में बाघों की मौत और शिकार हुए हैं। कुछ प्रकरण में बाघ के शरीर के अवशेष भी गायब थे। इनमें लिप्त आरोपियों की तलाश कर गिरफ्तार करने के प्रयास भी नहीं किया गया। प्रकरणों में निर्धारित वन्य प्राणी मुख्यालय और एनटीसीए के दिशा निर्देशन के पालन भी नहीं किया गया। जिसे लेकर तीन सदस्यीय टीम जांच कर एक महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
टीम में रितेश सारोठिया प्रभारी स्टेट टाइगर स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स, डॉक्टर काजल यादव सहायक प्राध्यापक स्कूल आफ वाइल्डलाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ जबलपुर, मंजुला श्रीवास्तव अधिवक्ता को सदस्य बनाया गया है।