लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है। राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अजय प्रताप सिंह ने कार्यकर्ताओं की अनेदखी का पार्टी पर आरोप लगाया है।
मध्य प्रदेश में भाजपा ने सभी 29 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। इसको लेकर अब पार्टी में असंतोष भी उभर कर आने लगा है। शनिवार को भाजपा के राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि उनका पार्टी की कार्यप्रणाली पर से विश्वास उठ गया है। भाजपा की करनी और कथनी में अंतर दिखाई दे रहा है। लंबे समय से मैं जिन विषयों को सदन के माध्यम से उठाता रहा हूं, उन विषयों की उपेक्षा हुई है। इसलिए मुझे लगा कि पार्टी के भीतर रहकर यह कार्य संभव नहीं होगा और पार्टी के बाहर आकर विषयों को उठाना होगा। अजय प्रताप सिंह ने कहा कि मैं व्यक्तिगत राजनीति में विश्वास नहीं करता हूं, लेकिन लोकतंत्र में सभी समाज का प्रतिनिधित्व की भावना में विश्वास रखता हूं। इसलिए सभी संगठनों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि सभी समाज का प्रतिनिधित्व हो। ताकि सभी समाज की बात और उनकी भावनाएं सामने आ सकें।
अजय प्रताप सिंह ने अपना इस्तीफा सोशल मीडिया पर शेयर कर किया है। जिसमें उन्होंने लिखा कि मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भेजा। यह भी बताया जा रहा है कि अजय प्रताप सिंह लोकसभा चुनाव में सीधी से टिकट मांग रहे है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि अजय प्रताप सिंह सीधी से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते है। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने आगे को लेकर कुछ तय नहीं किया है। अभी सिर्फ भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। बता दें अजय प्रताप सिंह समेत चार राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 को खत्म हो रहा है। इन सीटों के लिए चुनाव हो चुके है।
सीधी में भाजपा ने राजेश मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। मिश्रा ने बहुजन समाज पार्टी से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी। इसके बाद बसपा के ही टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा। हालांकि वह चुनाव हार गए। इसके बाद मिश्रा ने 2009 में भाजपा की सदस्यता ले ली और पार्टी के लिए काम करते आ रहे है। अब पार्टी ने उनको प्रत्याशी बनाया है। इसको लेकर भाजपा में स्थानीय स्तर पर विरोध है।