शिवसेना (उद्धव गुट) द्वारा राज्य की 17 सीटों पर उम्मीदवारों की एकतरफा घोषणा ने महाविकास आघाड़ी (मविआ) में आपसी टकराव शुरू हो गया है। एक दिन पहले वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने अपने आठ उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। अब कांग्रेस भी राज्य की कम से कम छह सीटों पर मैत्री भिड़त करना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आरिफ नसीम खान का कहना है कि शिवसेना (उद्धव गुट) द्वारा उम्मीदवारों की एकतरफा घोषणा से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गुस्सा है। हमने शुक्रवार को बैठक कर फैसला किया है कि हम अपने केंद्रीय नेतृत्व से राज्य की कुछ सीटों पर मैत्री भिड़ंत करने की अनुमति मांगेंगे। ये सीटें सांगली, भिवंडी, मुंबई दक्षिण-मध्य एवं मुंबई उत्तर-पश्चिम के अलावा कुछ और हो सकती हैं।
बता दें कि सांगली लोकसभा सीट कांग्रेस बहुत पहले से जीतती आ रही थी। लेकिन मोदी लहर के कारण पिछले दो चुनाव में उसे भाजपा से हारना पड़ा है। शिवसेना का उस सीट पर कोई दावा नहीं रहा है। इसके बावजूद इस बार शिवसेना ने वहां से अपना उम्मीदवार उतार दिया है। इसी प्रकार मुंबई उत्तर-पश्चिम की सीट पर भी कांग्रेस नेता संजय निरुपम लड़ना चाहते थे। लेकिन शिवसेना (यूबीटी) ने वहां से भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है। इसी प्रकार कुछ और सीटों पर भी मविआ के तीनों घटक दलों कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) एवं राकांपा (शपा) में तनाव की स्थिति देखी जा रही है।