गुड़ी पड़वा का मजा दोगुना कर देगी महाराष्ट्र की कुछ पारंपरिक डिशेज, जरूर करें ट्राई

हिन्दू पंचांग के हिसाब से हर साल चैत्र महीने की प्रतिपदा तिथि से हिन्दू नववर्ष, जिसे नव संवत्सर भी कहा जाता है, की शुरुआत होती है। महाराष्ट्र में इसी नव संवत्सर को मुख्य रूप से गुड़ी पड़वा के रुप में मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा को आंध्र प्रदेश और कर्नाटका में उगादि के नाम से जाना जाता है। दो शब्दों से मिलकर बने गुड़ी पड़वा में, गुड़ी का अर्थ है झंडा और पड़वा का अर्थ प्रतिपदा तिथि से है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन लोग अपने घरों में गुड़ी सजाते हैं और बड़े ही उत्साह से इस त्योहार को मानते हैं।

नव संवत्सर और नई फसल का जश्न मनाने के लिए पूरे देश में इस त्योहार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। भारतीय त्योहार हो और व्यंजन की बात न आए यह भला कैसे हो सकता है। इस त्योहार पर भी अनेक तरह की डिशेज बनाई जाती हैं। आइए जानते हैं गुड़ी पड़वा पर बनाने के लिए कुछ खास डिशेज।

गुड़ी पड़वा पर बनाई जाने वाले स्वादिष्ट व्यंजन
श्रीखंड
गुड़ी पड़वा के दिन विशेष तौर पर श्रीखंड लोग घर में बनाते हैं। इसके बनाने के लिए एक छोटी कटोरी गर्म दूध में दो चुटकी केसर के धागे डालकर रख दें। दूसरी तरफ सवा कप बांधकर लटकाई हुई दही में आधा चम्मच चीनी डालकर अच्छे से मिक्स करें। चीनी मिक्स होने पर इसमें केसर वाला दूध, बारीक कटे हुए नट्स और ड्राई फ्रूट्स डालकर अच्छे से मिलाएं। फिर इसे फ्रिज में रखें। ठंडा होने पर इसे किसी मिट्टी के बर्तन में सर्व करें।

पूरन पोली
पूरन पोली बनाने के लिए एक कप चना दाल को दरदरा पीस लें। एक पैन में ¾ कप गुड़, एक चुटकी केसर,¼ चम्मच इलायची पाउडर, और एक चुटकी जायफल पाउडर को डालकर अच्छे से मिक्स करें और इसे तबतक चलाते रहें, जबतक की सूख न जाए। अब इसे ठंडा होने दें। आपकी पूरन यानी स्टफिंग तैयार है। अब आटे में मोएन डालकर मुलायम आटा गूंथ लें और लोइयां बनाकर इसे बेल लें। अब इसपर स्टफिंग डालकर किनारों को ढककर सील कर दीजिए और इसे तवे पर घी लगाकर पकाएं। अधिक स्वाद के लिए ऊपर से घी डालकर सर्व करें।

काजू मोदक
दो कप काजू को मिक्सी में पीसकर पाउडर बना लें। अब पैन में 3/4कप पानी और ¾ कप शक्कर एक छोटे चम्मच इलायची पाउडर और और एक चम्मच घी डालकर एक तार की चाशनी तैयार करें। अब धीमी आंच करके काजू पाउडर को धीरे धीरे इसमें मिलाएं। 5- 10 मिनट तक इसे चलाते रहें मिश्रण गाढ़ा हो जायेगा। अब आंच बंद करके थोड़ा ठंडा होने पर, इसे आटे की तरह गूंथ कर मोदक के सांचे में डालकर मोदक तैयार करें। ध्यान रखें यह ज्यादा ठंडा न हो वरना मोदक नहीं बन पायेगा।

कुरकुरा साबूदाना वड़ा
रातभर भीगे हुए 500 ग्राम ( बड़े दाने वाला) साबूदाने में, 5 उबालकर छीले हुए आलू को मैश करें। अब इसमें 150 ग्राम भूनकर पीसी हुई मूंगफली, भूना हुआ जीरा पाउडर, काली मिर्च पाउडर, बारीक कटी हुई हरी धनिया पत्ती, हरी मिर्च, अदरक और नमक स्वादानुसार मिक्स करें। अब इसकी छोटी गोल चपटी लोइयां बनाकर इसे पैन में डीप फ्राई करें।

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