महाराष्ट्र के ठाणे में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ सरकारी काॅन्ट्रैक्टर से कथित रूप से 10.8 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज की है। इन सभी पर बिजनेस के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर डील करने का आरोप है।
श्रीनगर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा कि मामले में धारा 406 (आपराधिक विश्वास हनन), 420 (धोखाधड़ी) और आईपीसी की अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है। आरोपियों में एक दंपती (कंपनी के डायरेक्टर) और दो अन्य शामिल हैं।
‘इलेक्ट्रिकल गुड्स फैक्ट्री फर्जी दस्तावेज पर बेची’
शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपी दंपती ने उन्हें अंधेरी एमआईडीसी और पालघर में इलेक्ट्रिकल सामान बनाने वाली फैक्ट्री बेचने की इच्छा जताई और सभी दस्तावेज दिखाए। इसके बाद उन्होंने दोनों जगहों का दौरा भी किया था।
अधिकारी ने कहा,
शिकायतकर्ता ने दोनों फैक्ट्री यूनिट्स को खरीदने के लिए 5.82 करोड़ रुपये का भुगतान किया और उन्होंने कुछ दिनों बाद दस्तावेजों की जांच की तो देखा कि वो नकली थे।
अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने कथित तौर पर मूल दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए और शिकायतकर्ता के नाम पर शेयर हस्तांतरित करने से मना कर दिया। साथ ही बताया कि आरोपी दंपती ने कथित तौर पर ठाणे में अपना कार्यालय भी बंद कर दिया।
उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता को 10.8 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है, जिसमें कारखानों को खरीदने के लिए भुगतान की गई राशि और इकाइयों में उनके निवेश से हुई कमाई शामिल थी।