झुंझुनूं के बेटे ही नहीं, बल्कि बेटियां भी सेना में अफसर बनकर देश सेवा कर रही हैं। नुआं गांव के कायमखानी परिवार की बेटी इशरत सेना में कर्नल हैं। हाल ही में इशरत को सेना ने देश की एक बड़ी ऑर्डिनेंस आर्मी यूनिट कमांड की जिम्मेदारी सौंपी है।
इशरत की बहन शबनम खान ने बताया कि कर्नल पद पर पहुंचकर इतनी बड़ी कमान संभालने वाली वह राज्य की पहली मुस्लिम बेटी हैं। इशरत जब भी गांव में आती हैं, युवाओं को देश सेवा का पाठ पढ़ाती हैं। सेना में कॅरियर की जानकारी देती हैं। वह सामाजिक कार्य में भी आगे रहती हैं। इशरत का भाई साकिब हुसैन सेना में ब्रिगेडियर पद पर हैं। दोनों भाई बहन शेखावाटी के युवाओं को कॅरियर के बारे में भी जानकारी देते रहते हैं। जाकिर झुंझुनूं वाला ने बताया कि इशरत की रगो में फौजी पिता का खून दौड़ता है।
इशरत के पिता जकी अहमद भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल पद से रिटायर्ड हो चुके हैं। जकी अहमद आर्मी एजुकेशन कोर में थे। साल 1971 में नुआं गांव के पहले डायरेक्ट कमीशन लेने वाले अफसर बने। इशरत के नाना भी सेना में कप्तान रह चुके हैं।