उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के विशेष अभियान दल (एसओजी) तथा मेरठ के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) की संयुक्त टीम ने रविवार को ऑनलाइन इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में नकल करवाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए उसके दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने यहां बताया कि देहरादून में कुछ संस्थानों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में नकल और धोखाधड़ी करवाए जाने के संबंध में गोपनीय जानकारी मिलने के बाद संयुक्त टीम ने रायपुर क्षेत्र में स्थित परीक्षा केन्द्र में छापेमारी कर बिहार के सीतामढ़ी जिले के जितेश कुमार और मुज़फ़्फ़रपुर जिले के राहुल कुमार को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि गिरोह का सरगना हरियाणा का कुलवीर तथा उत्तर प्रदेश के बिजनौर का गौरव यादव अभी फरार हैं जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां सहस्त्रधारा रोड स्थित ‘एजु च्वाइस कंसल्टेंसी’ नामक एक संस्थान पर छापेमारी के दौरान गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन, परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र एवं अन्य दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि परीक्षा से पहले ही वे परीक्षा केंद्र में ‘सर्वर’ रूम के माध्यम से कुछ सिस्टमों का ‘एक्सेस’ लेते थे और ‘सर्वर रूम’ से ही ‘पेपर सॉल्वर’ के माध्यम से परीक्षार्थियों के पेपर को ऑनलाइन हल कर जमा कर देते थे। आरोपियों ने बताया कि 20 अप्रैल और 25 अप्रैल के बीच तमिलनाडु स्थित निजी संस्थान ‘वेल्लौर इंस्टीटयूट आफ टेक्नोलोजी’ की ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें उन्होंने अभ्यार्थियों के पेपर हल किए थे। उनकी तलाशी लिए जाने पर पुलिस टीम को उनके पास से मोबाइल फोन, लैप टॉप तथा 20 से 25 अप्रैल तक आयोजित प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित कुछ परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र तथा उनके ‘एप्लीकेशन नंबर’ लिखी ऑनलाइन परीक्षा की ‘डिस्प्ले’ की प्रति बरामद हुई।
इस प्रकरण में मेरठ एसटीएफ की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर राहुल कुमार, जितेश कुमार, हरियाणा निवासी कुलवीर तथा उत्तर प्रदेश के बिजनौर गौरव यादव के विरूद्व थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपियों ने बताया कि पेपर हल करवाने के एवज में वे अभ्यर्थियों से एक से डेढ़ लाख रुपए तक की रकम लेते हैं, जिसे बाद में वे आपस में बांट लेते हैं।