केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि आजादी के बाद के वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। महाराष्ट्र के लातूर जिले में चुनाव प्रचार करते हुए उन्होंने कहा,”गांवों का चेहरा बदलना इस पर निर्भर करता है कि सरकार की नीतियां कैसे बनाई जाती हैं।
आजादी के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बड़े उद्योगों पर ध्यान दिया। उनके सामने रूसी मॉडल था। इससे गांवों की उपेक्षा होने लगी। गांवों में स्कूल, शिक्षक, सड़कें, साफ पानी नहीं थीं।”
हम जैव-ईंधन और वैकल्पिक ईंधन नीति लेकर आए: गडकरी
गडकरी ने कहा, “हम गांवों की तस्वीर बदलने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी सरकार ने तय किया है कि गांव समृद्ध हों। सरकार ने इस संबंध में कई फैसले लिए हैं। भारत हर साल 16 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन का आयात करता है।”
उन्होंने आगे कहा कि हमने तय किया है कि ईंधन किसान को बनाना चाहिए, इसलिए हम जैव-ईंधन और वैकल्पिक ईंधन नीति लेकर आए हैं। इंडियन ऑयल देश भर में 300 इथेनॉल पंप स्थापित करने जा रहा है। गांवों में उत्पादित इथेनॉल को क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर आपूर्ति की जाएगी, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और गांव समृद्ध होंगे।
देश के संविधान को बदलने की बात अफवाह: नितिन गडकरी
गडकरी ने कहा कि विपक्ष अफवाह फैला रहा है कि भाजपा देश के संविधान को बदलने की योजना बना रही है, लेकिन भारत के संविधान की ”मुख्य विशेषताएं” जैसे धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकारों को कोई भी पार्टी, यहां तक कि संसद भी नहीं बदल सकती।