उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी कई छात्रों ने जेईई एडवांस्ड में सफलता हासिल की। सीमित संसाधन, मुश्किल हालात, लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति, मजबूत इरादे…। गुदड़ी के लाल शिवम और अभिषेक ने जेईई एडवांस्ड में सफलता पाकर यही कर दिखाया है। एक तरफ दोनों चचेरे भाइयों की लगन थी, तो दूसरी तरफ पेंटिंग कर आजीविका कमा रहे उनके पिता की मेहनत रंग लाई। अभिषेक ने 2372वीं और उसके चचेरे भाई शिवम कुमार ने 2989वीं रैंक हासिल की है।
मूलरूप से झांसी के मऊरानीपुर निवासी अभिषेक के पिता राजेंद्र कुमार बताते हैं कि वह भाई बृजेंद्र कुमार के साथ 15 साल पहले आगरा काम के लिए आए थे। दोनों आठवीं कक्षा तक ही पढ़ सके हैं। मजदूरी पर पेंट करने का काम शुरू किया था। वर्तमान में बमुश्किल दोनों हर दिन 600-600 रुपये ही कमा पाते हैं। एक ही घर में रहकर गुजारा कर रहे हैं। पत्नी गृहिणी हैं।
बताया कि बच्चों को पढ़ा लिखाकर बड़ा बनाने का सपना है। इसलिए उनकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ते हैं। घर में जो कुछ बचता है, वह बच्चों की पढ़ाई पर लगा देते हैं। दो कमरों का मकान है। इसमें ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
मुश्किल हालात में डरे नहीं, हौसले से पाएं सफलता
शिवम और अभिषेक ने बताया कि उन्होंने पिता को मेहनत करते हुए देखा है। इंजीनियर बनकर परिवार का नाम रोशन करना चाहते थे। इसके लिए तैयारी में लगे हुए थे। रोजाना सुबह 6 बजे कोचिंग के लिए जाते थे। दोपहर में 2 बजे घर आने के बाद कुछ देर आराम करते थे। इसके बाद शाम 5 बजे से फिर से पढ़ाई में जुट जाते हैं। 10-12 घंटे की पढ़ाई ने सफलता दिला दी।
कहा कि हौसला हो तो हर हालात में आगे बढ़ा जा सकता है। कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। अभिषेक की तीन बहनें हैं। शालिनी एमएससी, सपना एमसीए और शिल्पी बीबीए कर रही हैं। शिवम का बड़ा भाई सुभाष दयालबाग शिक्षण संस्थान में बीबीए का छात्र है। दोनों कंप्यूटर साइंस में बीटेक करना चाहते हैं।