ताइवान और चीन की दुश्मनी काफी पुरानी है। जहां ताइवान खुद को आजाद मुल्क बताता है तो चीन का कहना है कि वो उसका हिस्सा है। चीन हमेशा से ताइवान के अस्तित्व को नकारता आया है। ताइवान पर अपना हक जताने वाला चीन कुछ समय से बौखलाया हुआ है। इसके पीछे वजह है- अमेरिका और ताइवान की नजदीकियां। चीन को अमेरिका और ताइवान की नजदीकियां परेशान कर रहीं हैं।
ताइवान और चीन के रवैये को देखते हुए विशेषज्ञ बताते हैं कि दोनों ही देशों में युद्ध की स्थिति बन सकती है। इस बीच, सेवानिवृत्त जापानी लेफ्टिनेंट जनरल हिरोताका यामाशिता ने ताइवान को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल यामाशिता ने ताइवान को लेकर अनुमान लगाया है कि ताइवान पर संभावित चीनी सैन्य आक्रमण से पहले, ताइवान के राष्ट्रपति की हत्या के प्रयासों सहित देश में आतंकवादी गतिविधियां हो सकती हैं।फोकस ताइवान ने सीएनए के हवाले से यह जानकारी दी।
‘ताइपेई के प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर लगेगा बम’
शनिवार को ताइपेई में संभावित चीनी आक्रमण रणनीतियों पर अपनी पुस्तक के चीनी-भाषा संस्करण के विमोचन के लिए आयोजित एक प्रेस कार्यक्रम में उन्होंने इस विषय पर बोला। यामाशिता ने रेखांकित किया कि ऐसी आतंकवादी गतिविधियों में राष्ट्रपति के वाहनों और ताइपेई के प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर बम लगाना शामिल हो सकता है। फोकस ताइवान के अनुसार, यामाशिता (जो पहले जापान ग्राउंड सेल्फ-डिफेंस फोर्स के वाइस चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्यरत थे) ने अपनी पुस्तक में विस्तृत रूप से वर्णित विभिन्न टेबलटॉप वॉरगेम्स के आधार पर अपनी भविष्यवाणियां कीं।
सरकार पर भरोसा करने का किया आग्रह
फोकस ताइवान के अनुसार, यामाशिता ने कहा कि इन आतंकवादी गतिविधियों का उद्देश्य ताइवान की जनता का उनकी सरकार में विश्वास कम करना और जनता की राय को प्रभावित करना होगा। यामाशिता ने सरकार को तथ्यात्मक और अद्यतन जानकारी प्रदान करने की सलाह दी और लोगों से राजनीतिक मतभेदों के बावजूद ऐसे संकटों के दौरान सरकार पर भरोसा करने का आग्रह किया।