चिकित्सकों ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए 40 किमी दूर भर्ती दिल्ली के कैंसर मरीज का टेलीसर्जरी तकनीक के जरिये सफल ऑपरेशन कर इतिहास रच दिया। करीब एक घंटा 45 मिनट चले ऑपरेशन में मरीज को चीरा लगाने से लेकर ट्यूमर निकालने और वापस टांके लगाने तक की पूरी प्रक्रिया वर्चुअली पूरी की गई। आंखों पर काला चश्मा लगाए, रोबोट चलाते हुए डॉक्टरों ने मरीज के मूत्र मार्ग के आसपास कैंसर प्रभावित कोशिकाओं को काटकर बाहर निकाला। मरीज की हालत स्थिर है। उसे इसी सप्ताह छुट्टी दी जा सकती है।
यह सफल ऑपरेशन शनिवार को हुआ। चिकित्सकों की टीम गुरुग्राम स्थित एसएन इनोवेशन में थी और 52 वर्षीय मरीज दिल्ली के रोहिणी स्थित राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट और रिसर्च सेंटर में था। ऑपरेशन के दौरान इंटरनेट या तकनीक में कोई अवरोध न आने से प्रक्रिया पूरी तरह सफल रही।
ऑपरेशन कैंसर इंस्टीट्यूट के चिकित्सा निदेशक व जेनिटो-यूरो ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर रावल और उनकी टीम ने किया। डॉ. रावल ने बताया, अब देश के किसी भी कोने में मौजूद मरीज का इलाज टेलीसर्जरी से संभव है। ऑपरेशन के दौरान दोनों हाथ रोबोट पर थे। कुछ ही सेकंड में अहसास हुआ कि मैं ऑपरेशन थियेटर में हूं और मरीज सामने लेटा है। जिस तरह सामान्य ऑपरेशन में मरीज का सर्जरी वाला हिस्सा दिखता है, उसी तरह का विजन यहां 3डी क्वालिटी के साथ था।
चीन ने भी किया ऑपरेशन
तीन दिन पहले रोम में बैठे चीनी डॉक्टर ने 13 हजार किमी दूर बीजिंग के अस्पताल में मरीज का ऑपरेशन किया। यह मरीज प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित था।
इस तकनीक से ऑपरेशन
पूरा ऑपरेशन सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम के जरिये हुए। इसमें पांच पतली रोबोटिक भुजाएं होती हैं।
- एक इमर्सिव 3डी एचडी हेडसेट होता है, जो सर्जन को स्पष्ट विजन प्रदान करता है। इस तकनीक में मरीज को अंगुली से भी छोटा चीरा लगता है। खून का बहाव भी कम होता है।
- जिस अंग या कोशिका को बाहर निकालना है, उसके बाद टांके व मरीज की रिकवरी पारंपरिक सर्जरी की तुलना में काफी जल्दी होती है।
- बंगलुरू में 400 डॉक्टरों के बीच इसका प्रसारण भी किया।