IIT बॉम्बे में नाटक के जरिए भगवान राम के अपमान के लिए 8 छात्रों पर भारी जुर्माना

इस साल 31 मार्च को आईआईटी बॉम्बे के ओपन-एयर थिएटर में रामायण पर आधारित नाटक का मंचन किया गया था। राहोवन नामक नाटक के मंचन के दौरान भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण का अपमान करने का आरोप है। आईआईटी की अनुशासन समिति ने पहले भी आचार संहिता के उल्लंघन के लिए छात्रों पर जुर्माना लगाया है।

एक नाटक में हिंदुओं के धर्मग्रंथ रामायण के गलत चित्रण और भगवान राम और सीता का अपमान करने के मामले में आईआईटी बॉम्बे के आठ छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई है। इन छात्रों पर 40 हजार रुपये से लेकर 1.20 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है।

सूत्रों का कहना है कि इसमें लिप्त आठ छात्रों को दो तरह की सजाएं दी गई हैं। एक छात्र जो इसी साल जुलाई में कॉलेज से पास हो रहा है उस पर 1.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है और अन्य सात नियमित छात्रों को अलग सजा मिली है। जूनियर छात्रों पर 40 हजार रुपये का जुर्माना है।

ओपन-एयर थिएटर में नाटक का मंचन किया गया था

इस साल 31 मार्च को आईआईटी बॉम्बे के ओपन-एयर थिएटर में रामायण पर आधारित नाटक का मंचन किया गया था। ‘राहोवन’ नामक नाटक के मंचन के दौरान भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण का अपमान करने का आरोप है। आईआईटी की अनुशासन समिति ने पहले भी आचार संहिता के उल्लंघन के लिए छात्रों पर जुर्माना लगाया है।

रामायण को अपमानजनक तरीके से प्रस्तुत किया गया- छात्र

आईआईटी में मास्टर्स की डिग्री के एक छात्र ने बताया कि रामायण को अश्लील और अपमानजनक तरीके से प्रस्तुत किया गया था। नाम नहीं बताने वाले इसी छात्र ने प्रशासन से इस संबंध में शिकायत की थी। आंबेडकर पेरियार फुले स्टडी सर्किल (एपीपीएससी) से जुड़े आईआईटी बॉम्बे के एक छात्र ने बताया कि संस्थान की ओर से जारी नोटिस में कहा गया कि दंडित छात्रों को जुर्माने की राशि हर हालत में 30 जुलाई तक जमा करनी होगी।

आईआईटी का औपचारिक रूप से कुछ भी कहने से इनकार

हालांकि इस बारे में आईआईटी बॉम्बे ने औपचारिक रूप से कुछ भी कहने से इनकार किया है। आइआइटी बांबे का चार जून को छात्रों को जारी पेनल्टी नोटिस इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ‘आइआइटीबी फार भारत’ नामक कैंपस ग्रुप की ओर से साझा किया गया। इस ग्रुप ने नाटक के मंचन का विरोध करते हुए संस्थान की कार्रवाई का स्वागत किया। उनके पोस्ट के अनुसार, नाटक में रामायण को अपमानजनक तरीके से प्रस्तुत किया गया और छात्रों ने भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण का उपहास किया।

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