राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने नक्सल फंडिंग मामले की जांच को लेकर शुक्रवार उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली व हरियाणा में छापेमारी की। उप्र के प्रयागराज और महराजगंज में दो युवकों से लंबी पूछताछ की। मोबाइल और तलाशी में मिले दस्तावेज, पत्रिकाएं आदि टीम साथ ले गई।
लखनऊ में दर्ज केस में हुई कार्रवाई
टीम ने युवकों को लखनऊ में एनआईए कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है। पंजाब के बठिंडा में भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी की प्रदेश महासचिव सुखविंदर कौर व हरियाणा के सोनीपत में रहने वाले अधिवक्ता पंकज त्यागी के आवास पर भी छापेमारी की। बताया जाता है कि जनवरी 2023 में लखनऊ में दर्ज एक मामले को लेकर कार्रवाई की गई है।
युवक से की आठ घंटे पूछताछ
एनआईए की डीएसपी रश्मि शुक्ला के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम सुबह प्रयागराज में आशीष लाज पहुंची। वहां पर किराये के कमरे में रहने वाले आगरा निवासी देवेंद्र आजाद को अधिकारियों ने नोटिस दिखाया। उसके रूम पार्टनर को बाहर कर दिया। कमरा बंद कर उससे आठ घंटे पूछताछ की। उसके दो लैपटॉप और मोबाइल फोन को भी चेक किया।
युवक बोला- मेरा किसी से कोई लेना देना नहीं
चैटिंग के बारे में पूछताछ की गई। कमरे में मिली एक पत्रिका में छपे उसके लेख के बारे में सवाल किए गए। उसे 15 सितंबर को एनआईए कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है। दोपहर करीब 12 बजे टीम दो पत्रिकाएं, नागरिक समाज का पर्चा लेकर लखनऊ के लिए निकल गई। देवेंद्र आजाद का कहना था कि वह अध्ययन के लिए प्रयागराज आया है, उसका किसी मामले से लेना-देना नहीं है।
महराजगंज के करमहिया गांव में हुई छापेमारी
इसी तरह महराजगंज जिले के करमहिया गांव में जितेंद्र गुप्ता के घर चार घंटे तक तलाशी ली। जितेंद्र से गहन पूछताछ की। जितेंद्र ने बताया कि मोबाइल, डायरी और पढ़ने वाली दो पत्रिका एनआईए की टीम अपने साथ ले गई है। 10 सितंबर को उसे एनआईए कार्यालय लखनऊ में बुलाया गया है।
अरविंद को तलाशने पहुंची थी एनआईए
जितेंद्र के अनुसार कोरोना काल के पहले वह जिस इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाता था, वहीं अरविंद नाम का युवक भी पढ़ाता था। दोनों का साथ वर्ष 2016 से लेकर 2019 तक रहा। अरविंद खुद को उत्तराखंड का बताता था। वह स्कूल छोड़कर चला गया तो कुछ समय बाद उसकी तलाश में एनआईए टीम विद्यालय पर आई थी। उस समय पता चला अरविंद उत्तराखंड नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ का रहने वाला है और नक्सलियों से उसके संबंध हैं।
बठिंडा में छह घंटे चली तलाशी
उधर, पंजाब के बठिंडा में टीम ने सुबह करीब पांच बजे सुखविंदर कौर के घर दबिश दी। छह घंटे घर की तलाशी लेने और परिवार के लोगों से पूछताछ के बाद कुछ जरूरी दस्तावेज साथ लेकर लौट गई। उस वक्त सुखविंदर पटियाला के शंभू बार्डर पर किसान मोर्चे में शामिल होने के लिए गई थीं। उनके पति हरभिंदर जलाल ने बताया कि लखनऊ में एक मामले में उसका नाम आने पर अदालत से सर्च वारंट के आधार पर एनआईए ने यह दबिश दी थी।
सोनीपत में पंकज त्यागी से पूछताछ
टीम घर से विभिन्न संगठनों और वामपंथी विचारधारा से संबंधित साहित्य, उसका मोबाइल, पेन ड्राइव तथा अन्य सामान लेकर गई है। सोनीपत में पंकज त्यागी को टीम सेक्टर-27 थाना में भी लेकर गई, जहां तीन घंटे तक पूछताछ की गई। बाद में उनको छोड़ दिया। उन्हें नौ सितंबर को पूछताछ के लिए फिर बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि सच बोलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। मामले की निष्पक्ष जांच हो।