दिल्ली-यूपी में हो रही झमाझम बारिश, भारी वर्षा से छत्तीसगढ़ में बाढ़ जैसी स्थिति

दिल्ली एनसीआर और यूपी समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है। मानसून के फिर सक्रिय हो जाने से मैदानी क्षेत्रों के साथ पहाड़ों पर बारिश जमकर हो रही है। वहीं, पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में सभी प्रमुख नदी-नाले उफान पर हैं। यहां की इंद्रावती, सबरी आदि बड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बीजापुर जिले के भोपालपटनम क्षेत्र में इंद्रावती-गोदावरी नदी संगम के आसपास 50 से अधिक गांव बाढ़ के पानी से टापू बन गए हैं।

बारिश के कारण कई राज्यों के राजमार्ग प्रभावित
बीजापुर को पड़ोसी राज्य तेलंगाना से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-163 में रामपुरम और महाराष्ट्र के निजामाबाद को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-63 में सोमनपल्ली में पुल से ऊपर पानी बहने के कारण दोनों राज्यों से सड़क संपर्क दो दिनों से बाधित है।

उधर, सबरी नदी की बाढ़ का पानी सुकमा जिले के इंजरम में राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर भर गया है। इस कारण छत्तीसगढ़ का आंध्र प्रदेश से संपर्क कट गया है। सैकड़ों वाहन मार्ग पर फंसे हुए है। सुकमा जिले की सीमा के निकट आंध्र प्रदेश के भद्राचलम में गोदावरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

इंद्रावती नदी खतरे के निशान आठ मीटर ऊपर बह रही
कोंटा में सबरी नदी का जलस्तर मंगलवार शाम को 16 मीटर को पार कर गया था। कोंटा शहर में पानी घुसने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाते हुए आपदा की स्थिति में राहत शिविर खोल दिए हैं। इसी तरह जगदलपुर में इंद्रावती नदी खतरे के निशान 8.30 मीटर को पार कर बह रही है।

अजमेर में सेना ने मोर्चा संभाला
राजस्थान के अधिकतर जिलों में मंगलवार को वर्षा जारी रही। अजमेर जिले में तेज वर्षा से आम जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। यहां कई इलाकों में बाढ़ के हालात उत्पन्न होने के बाद सेना ने मोर्चा संभाला है। निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। माही सागर बांध के 10 गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है।

राजस्थान के 10 जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी
मौसम विभाग ने बुधवार को प्रदेश के 10 जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी दी है। कहा गया कि अगले तीन से चार दिनों तक मौसम ऐसा ही रह सकता है। बता दें कि प्रदेश में अब तक सामान्य से 58 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है। प्रदेश में मानसून सीजन में एक जून से नौ सितंबर तक औसत वर्षा 405.7 एमएम होती है, जबकि इस साल 641.6 एमएम वर्षा हुई है।

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