मोदी सरकार ने रिन्यूएबल एनर्जी में बदल दी भारत की तस्वीर, 10 सालों में हुआ 175 प्रतिशत का इजाफा

 नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भारत की  रिन्यूएबल एनर्जी में बढ़ोतरी को लेकर बयान दिया है। जोशी ने सोमवार को जर्मनी में हैम्बर्ग सस्टेनेबिलिटी कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।

उन्होंने कहा, ‘जी20 देशों में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन सबसे कम होने के बावजूद, भारत एकमात्र जी20 देश है जिसने अपने जलवायु लक्ष्यों को तय समय से पहले पूरा कर लिया है।’साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऊर्जा सुरक्षा और पहुंच भारत के लिए सर्वोपरि है, लेकिन इससे राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर ऊर्जा परिवर्तन की प्रतिबद्धता में कोई बाधा नहीं आई है।

75 गीगावॉट से बढ़कर हुई 208

केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि भारत ने 2014 के बाद से अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में बढ़ोतरी देखी है, जिसमें 75 गीगावॉट से 175% की बढ़ोतरी के साथ अब 208 गीगावॉट से अधिक हो गई है। कुल आरई 193.5 बिलियन यूनिट से बढ़कर 360 बीयू हो गया, जो इस अवधि के दौरान 86% की बढ़ोतरी को दर्शाता है।

पिछले 10 सालों में सौर ऊर्जा (Solar Energy) क्षमता भी 33 गुना बढ़ी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि 100 से अधिक देशों द्वारा समर्थित अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, सौर ऊर्जा के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में भारत के नेतृत्व को प्रदर्शित करता है।

हरित शिपिंग क्षेत्र में प्रगति कर रहा भारत

ग्रीन शिपिंग के विषय पर बोलते हुए, जोशी ने वैश्विक व्यापार में समुद्री क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर इसके प्रभाव पर जोर दिया।  उन्होंने ये भी कहा, ‘जैसे-जैसे हम शुद्ध-शून्य (net-zero emissions) उत्सर्जन प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे में समुद्री परिवहन की आवश्यकता बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। सरकारी पहलों, तकनीकी प्रगति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से प्रेरित होकर, भारत हरित शिपिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है।’

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