रतन टाटा के दिल में बसता था यूपी, प्रदेश को आईटी हब बनाने में रही बड़ी भूमिका

पद्मविभूषण रतन टाटा के दिल में यूपी के लिए खास जगह थी। उन्होंने कहा था कि यूपी को अक्सर न सिर्फ गलत समझा गया, बल्कि कमतर भी आंका गया, जबकि ये राज्य हर लिहाज से शानदार है। यूपी पूरे देश का नेतृत्व करने की ताकत रखता है। वर्ष 2017-18 में वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई में रतन टाटा से मुलाकात की थी। इसका परिणाम ये निकला कि टाटा ने यूपी को न सिर्फ अपने कारोबारी समूह का, बल्कि समाज सेवा के लिए भी अपना बड़ा केंद्र बनाया।

यूपी में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश की नींव वर्ष 2017-18 में पहले निवेशक सम्मेलन ने रखी गई थी। सीएम योगी ने मुंबई में रतन टाटा से मुलाकात की और यूपी आने का निमंत्रण दिया। प्रसार भारती के चेयरमैन नवनीत सहगल के मुताबिक उस समय लखनऊ में टाटा मोटर्स का प्लांट बंद करने की योजना थी, लेकिन इस मुलाकात के बाद न सिर्फ ये आशंका खत्म हुई, बल्कि प्लांट का विस्तार भी किया गया। यूपी को आईटी हब का बड़ा गढ़ बनाने में रतन टाटा की बड़ी भूमिका है।

उन्होंने नोएडा-एनसीआर से बाहर लखनऊ में टाटा कंसलटेंसी सर्विस (टीसीएस) का मुख्यालय खोलकर यूपी को नया आईटी सेंटर दिया। पिछले वर्ष यूपी में सेमी कंडक्टर कॉम्प्लेक्स को लेकर रतन टाटा से वार्ता हुई। इस प्रोजेक्ट को लेकर वे काफी उत्साहित थे। यूपी के प्रति उनका नजरिया काफी सकारात्मक था इसलिए टाटा समूह ने 25 हजार करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए थे। सीएम योगी से मुलाकात के दौरान रतन टाटा ने वाराणसी में कैंसर इंस्टीट्यूट खोलने का वादा किया था। उन्होंने लखनऊ या आगरा में से किसी एक शहर को गोद लेने का वादा भी किया था।

यूपी ने मेरा दिल चुरा लिया…
वर्ष 2015 में लखनऊ आए रतन टाटा के अल्फाज थे- यूपी ने मेरा दिल चुरा लिया है। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट के बीच एमओयू साइन किया गया था। ये टाटा ट्रस्ट के साथ मॉलन्यूट्रिशन, शिक्षा, मातृ-बच्चा स्वास्थ्य सेवाएं और सोलर एनर्जी जैसे क्षेत्रों में सहयोग के लिए था। टाटा ने कहा था, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि कुपोषण को लेकर प्रदेश सरकार से इतना सहयोग मिलेगा।

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