बृहस्पतिवार को काॅरिडाेर के रूट पर पड़ने वाले पेड़ों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने निविदा जारी कर दी है।
फेज चार के तहत इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। बृहस्पतिवार को काॅरिडाेर के रूट पर पड़ने वाले पेड़ों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने निविदा जारी कर दी है। कॉरिडोर पर करीब 1200 पेड़ हैं। सभी को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद निर्माण प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं, इस कॉरिडोर पर औसत हर दूसरे स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविधा भी मिलेगी। ऐसे में मेट्रो के विभिन्न कॉरिडोर से जुड़ाव के लिए यह मेट्रो लाइन बेहद महत्वपूर्ण है।
डीएमआरसी के अधिकारियों के अनुसार, इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेशन से इंद्रलोक कॉरिडोर (ग्रीन लाइन) का विस्तार है। यह 12.4 किलोमीटर लंबा है। वर्तमान में डीएमआरसी इस काॅरिडोर पर निर्माण कार्य शुरू करने से पहले प्री-टेंडरिंग प्रक्रिया में है। फिलहाल, काॅरिडोर के लिए सभी प्रासंगिक दस्तावेज और डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। निर्माण आने वाली पहली अड़चन पेड़ों की होती है। ऐसे में शुरुआत में पेड़ों को हटाने का काम किया जाएगा, ताकि निर्माण कार्य के दौरान कोई रुकावट न आए। इसके बाद निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू होेगी।
कार्य स्थल की होगी वीडियोग्राफी
अधिकारियों ने बताया कि निविदा आवंटित होने के बाद ठेकेदार को कार्य की प्रगति दिखाने के लिए मासिक प्रगति तस्वीरें उपलब्ध करानी होंगी। कम से कम 20 तस्वीरें होंगी। साथ ही, हटाए जाने वाले पेड़ की पहले की तस्वीर और उसे स्थानांतरित करने वाली जगह की भी तस्वीर देनी होगी। हर एक महीने में सभी कार्य स्थलों पर वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। पेड़ों के स्थानांतरण के लिए ठेकेदार के ही उनकी देखरेख करेगा, ताकि पेड़ों की सेहत पर कोई असर न हो। कार्य शुरू करने से पहले ठेकेदार को स्थानीय पुलिस से यातायात को लेकर तालमेल बिठाना होगा। इससे कार्य के दौरान यातायात प्रभावित न हो।
हर दूसरे स्टेशन पर मिलेगी होगी इटरचेंज
कॉरिडोर के हर दूसरे स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविधा मिलेगी। कॉरिडोर की लंबाई सिर्फ 12.4 किलोमीटर है। इस पर कॉरिडोर पर यात्रियों को अपनी जरूरत के हिसाब से विभिन्न इंटरचेंज स्टेशनों से मेट्रो बदलकर दूसरे कॉरिडोर की मेट्रो में सफर का अधिक विकल्प मिलेगा। इस पर कुल 10 स्टेशन होंगे। इसमें से एक एलिवेटेड व नौ भूमिगत होंगे। इंद्रलोक, नबी करीम, नई दिल्ली, दिल्ली गेट व इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन इंटरचेंज होंगे। पांच इंटरचेंज स्टेशन छह मेट्रो कॉरिडोर को एक लाइन से जोड़ेंगे। इंद्रलोक रेड लाइन के साथ, नबी करीम मजेंटा लाइन, दिल्ली गेट वॉयलेट लाइन व इंद्रप्रस्थ स्टेशन ब्लू लाइन के साथ इंटरचेंज स्टेशन होगा। वहीं, नई दिल्ली स्टेशन यलो लाइव व एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के वर्तमान मेट्रो स्टेशनों के साथ इंटरचेंज स्टेशन होगा। यह कॉरिडोर वर्ष 2028 तक बनकर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।