अंधे मोड़ बने हादसों का कारण, एक सप्ताह में सात की मौत

दमोह जिले का तेंदूखेड़ा ब्लॉक चारों ओर से मुख्य मार्ग से जुड़ा है। इसके अलावा यहां कुछ ऐसे अंधे मोड़ भी हैं, जहां लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में करीब सात लोगों की जान चली गई है और कई लोग घायल होकर जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। सबसे बड़ा कारण यह है कि अंधे मोड़ पर दूसरी ओर से आने वाला वाहन दिखाई नहीं देता। जैसे ही वाहन सामने आ जाता है, संभलने का मौका नहीं मिलता और हादसा हो जाता है। ऐसा कोई प्रयास प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है, जिससे हादसों पर अंकुश लग सके।

यहां होते हैं अधिक हादसे
झलोन मार्ग पर नागबाबा सिद्ध क्षेत्र के समीप का मार्ग
तारादेही मार्ग पर धनगौर और दरोली के बीच का मुख्य मार्ग
इमलीडोल मार्ग पर खखरिया बारह का मुख्य मार्ग
दमोह मार्ग पर पाजी और सांगा के बीच का मार्ग
जबलपुर मार्ग पर झरौली तिराहे से लेकर 27 मील के बीच का मार्ग
यहां अक्सर घटनाएं होती हैं। बीते एक सप्ताह में कई सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें दर्जनों लोग घायल होकर अस्पताल में इलाजरत हैं और करीब सात लोगों की मौत हो गई है।

इसलिए हो रही घटनाएं
तेज गति में आने वाले वाहन चालक: मोड़ पर वाहन काबू न कर पाने के कारण हादसे हो जाते हैं।
अंधे मोड़ पर दृश्यता की कमी: सामने से आने वाले वाहन को नहीं देख पाते, जिससे टक्कर हो जाती है।
बाइक सवारों का नियंत्रण खोना: अचानक अंधे मोड़ पर बेकाबू होकर सड़क पर लगे पेड़ से टकरा जाते हैं। इससे गंभीर चोट लगती है, और कई बार मौत भी हो जाती है।

ये प्रयास लगा सकते हैं अंकुश
जगह-जगह ब्रेकर बनवाए जाएं।
अंधे मोड़ों पर सूचना बोर्ड लगवाए जाएं।
रेडियम से अंधे मोड़ की जानकारी लिखवाई जाए, ताकि रात में भी यह चमके और अनजान लोगों को भी जानकारी मिल सके।
मुख्य मार्गों के पास लगे पेड़ों पर रेडियम जैसी चमकीली सामग्री लगाई जाए।
जंगल वाले क्षेत्रों में कुछ पेड़ों की कटाई की जाए।
अगर, ये प्रयास किए जाते हैं तो हादसों पर कुछ हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। तेंदूखेड़ा एसडीएम सौरभ गंधर्व का कहना है कि इन मार्गों पर सड़क हादसे रोकने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएंगे।

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