महाकुंभ: 45 दिन में चलेंगी 13 हजार ट्रेनें…बिना लाइन में लगे मिलेगा टिकट

आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुंभ के लिए रेलवे 45 दिन में 13 हजार ट्रेन चलाएगा। तीन हजार विशेष ट्रेनें रहेंगी। 10 हजार ट्रेनें नियमित हैं। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने पहंुचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को पहले वाराणसी और फिर प्रयागराज में यह घोषणा की।

उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ के लिए चार रिंग रेल सर्किल बनाई गई है। इनमें वाराणसी-प्रयागराज, प्रयागराज-अयोध्या, अयोध्या-काशी और प्रयागराज सर्किल शामिल है। देश के विभिन्न राज्यों के 50 शहरों से प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन होगा।

रेलमंत्री ने बताया कि महाकुंभ के दौरान देश के कोने-कोने से प्रयागराज की सीधी कनेक्टिविटी रहेगी। इस दौरान लंबी दूरी के चेन्नई, मुंबई समेत 50 शहरों से प्रयागराज के लिए आरक्षित ट्रेनें चलेंगी। रेलमंत्री ने बताया कि महाकुंभ के दौरान इस बार एक और विशेष इंतजाम किया जा रहा है।

संगम नगरी के रेलवे स्टेशनों पर बने फुटओवर ब्रिज पर यात्रियों का क्रॉस मूवमेंट न हो इसके लिए पुल पर एक दिशा से दूसरी दिशा की ओर से ही यात्री जा सकेंगे। सभी स्टेशनों पर यह व्यवस्था रहेगी। पिछले वर्ष अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद वहां उमड़ी भीड़ को देखते हुए अयोध्या रेलवे स्टेशन पर कलर कोडिंग की गई थी।
यही व्यवस्था प्रयागराज के भी सभी स्टेशनों पर रहेगी। कलर कोड के हिसाब बसे ही यात्री दिशावार यात्रा के लिए सुनिश्चित प्लेटफॉर्म पर पहुंचेंगे। यात्री आश्रय स्थल भी चार अलग रंग के रहेंगे। उदाहरण के लिए अगर किसी यात्री को लखनऊ जाना है तो उसे जंक्शन के नीले रंग के आश्रय स्थल से प्रवेश करना होगा।
यात्री का टिकट भी नीले रंग का ही होगा। आश्रय स्थल से प्लेटफॉर्म तक जाने वाले रास्ते पर भी नीले रंग के संकेतक लगे होंगे। रेलमंत्री ने बताया कि संगम नगरी के स्टेशनों पर कुल 23 यात्री आश्रय स्थल बनाए गए हैं।

यात्रियों को लाइन में लगे बिना मिलेगा टिकट
महाकुंभ के दौरान रेलवे यात्रियों को बिना लाइन में लगे जनरल टिकट मुहैया कराएगा। सभी स्टेशनों के आश्रय स्थल व प्रतीक्षालय आदि में रेलकर्मी मोबाइल टिकटिंग मशीन के माध्यम से यात्रियों को उनके गंतव्य का टिकट उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा मोबाइल एप के माध्यम से भी यात्री जनरल टिकट ले सकेंगे। 554 अनारक्षित टिकट काउंटर भी बनाए गए हैं।

18 हजार आरपीएफ और जीआरपी के जवान रहेंगे तैनात
महाकुंभ मेला अवधि में 18 हजार आरपीएफ और जीआरपी के जवानों की तैनाती रहेगी। इसमें आरपीएफ के जवानों की संख्या आठ हजार और जीआरपी के जवानों की संख्या दस हजार रहेगी। इसके अलावा रेलवे के 13 हजार अधिकारी और कर्मचारी पूरे देश से यहां तैनात किए जा रहे हैं। इसमें काफी संख्या में ऐसे कर्मचारी भी हैं जो हिंदी, अंग्रेजी के साथ दक्षिण भारतीय, पंजाबी, बंगाली, मराठी, गुजराती आदि भाषा भी बोल सकते हैं।

तैयार की गई 12 भाषाओं की बुकलेट
महाकुंभ के दौरान तमाम राज्यों से श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। इनमें से तमाम ऐसे भी होंगे, जिन्हें हिंदी नहीं आती। ऐसे यात्रियों की सहूलियत के लिए रेलवे प्रशासन ने तमिल, कन्नड़, उड़िया, मलयालम, मराठी समेत 12 क्षेत्रीय भाषाओं की एक पॉकेट बुकलेट तैयार कराई है।

लंबी दूरी के इन शहरों से प्रयागराज आएंगी आरक्षित ट्रेनें
गुवाहाटी, रंगापाड़ा नॉर्थ, मुंबई सीएसटी, नागपुर, पुणे, सिकंदराबाद, गुंटूर, नांदेड़, विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर, पुरी, संबलपुर, कन्याकुमारी, तिरुवनंतपुरम नॉर्थ, चेन्नई सेंट्रल, हावड़ा, डॉ. अंबेडकरनगर, वापी, अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा, वलसाड, भावनगर, जयनगर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, धनबाद, पटना, गया, रक्सौल, सहरसा, बेलागवी, मैसूर, उदयपुर सिटी, बाड़मेर, टाटानगर, रांची आदि।

पीएम मोदी 13 को प्रयागराज में, निषादराज क्रूज पर सवार होकर पहुंचेंगे संगम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को प्रयागराज वासियों को महाकुंभ से जुड़ी करीब सात हजार करोड़ की परियोजनाओं की साैगात देंगे। उनके आगमन की तैयारियां तेज हो गई हैं। एक ओर जहां संगम नोज पर पीएम की जनसभा के लिए टेंट लगना शुरू हो गया है, वहीं दूसरी ओर उनके स्वागत के लिए निषादराज क्रूज को तैयार किया जा रहा है, जिस पर सवार होकर वह अरैल से संगम पहुंचेंगे। यहां गंगा पूजन के बाद करीब एक घंटे तक जनसभा में रहेंगे।

महाकुंभ के श्रद्धालुओं के लिए अयोध्या में बनेगा 3000 क्षमता का आश्रय स्थल
13 जनवरी से 26 फरवरी तक रामनगरी में एक बार फिर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वाला नजारा देखने को मिलेगा। प्रयागराज के महाकुंभ से विशेष तिथियों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर पहुंचेंगे। इनके लिए नगर निगम की ओर से 3000 की क्षमता का आश्रय स्थल बनाया जाएगा। इसमें लोगों के ठहरने के लिए कई इंतजाम किए जाएंगे।

Related Articles

Back to top button