गोलन पहाड़ियों से 10 किलोमीटर आगे माउंट हरमन (Mount Hermon) पर इजरायली कब्जे की इबारत लिखी जा चुकी है। यह इलाका इजरायल के नियंत्रण वाले क्षेत्र से आगे सीरियाई भूमि पर बने बफर जोन का है।
इजरायल ने 1967 में किया था कब्जा
गोलन पहाड़ियां भी सीरिया में आती थीं, लेकिन 1967 के युद्ध में इजरायल ने उन पर कब्जा कर लिया था और अब उन पर अरब लोगों के साथ इजरायली यहूदी भी रहते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में इस क्षेत्र को इजरायल का हिस्सा करार दे दिया था, लेकिन विश्व के बाकी लगभग सभी देश इसे इजरायल का अवैध कब्जा मानते हैं।
माउंट हरमन इलाके में घुसी इजरायली सेना
आठ दिसंबर को सीरिया की राजधानी दमिश्क पर इस्लामिक विद्रोहियों का कब्जा हुआ तो बफर जोन से सटे सीरियाई सैन्य पोस्ट पर तैनात सैनिक भाग गए। इसके बाद इजरायली सेना टैंकों के साथ माउंट हरमन इलाके में घुस गई। सऊदी अरब सहित बाकी के अरब देशों ने इजरायली कार्रवाई की निंदा की।
तब इजरायल ने कहा था कि क्षेत्र में कोई गड़बड़ी न हो इसलिए सेना सीरियाई क्षेत्र में गई है, लेकिन मंगलवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वहां पहुंचकर इजरायल की मंशा को स्पष्ट कर दिया।
नेतन्याहू ने बताया प्लान
नेतन्याहू ने कहा कि हरमन पहाड़ पर वह चढ़ चुके हैं और वहां से क्षेत्र पर नजर रखी जा सकती है, इसलिए इजरायली सेना वहां पर तैनात रहेगी। बुधवार को इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काज ने साफ कर दिया कि जब तक जरूरत होगी इजरायली सेना वहां रहेगी। यह जरूरत कब तक रहेगी यह जानकारी रक्षा मंत्री ने नहीं दी। जाहिर है कि अनाधिकारिक रूप से इजरायल की सीमा बढ़ चुकी है।
दो दुश्मनों पर इजरायल की रहेगी नजर
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि माउंट हरमन से इजरायल की सेना नजदीक और दूर के खतरों पर नजर रखेगी। वहां से हम दाहिनी ओर बसे लेबनान के हिजबुल्ला पर नजर रख सकेंगे और बाईं ओर दमिश्क को देख सकेंगे। क्षेत्र में सेना बहुत जल्द अपनी तैनाती के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर लेगी। क्षेत्र में किलेबंदी का काम शुरू हो गया है। बता दें कि माउंट हरमन पहाड़ की ऊंचाई 2,814 मीटर है।