उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ का यह अवसर उत्तर प्रदेश की संभावनाओं के प्रदर्शन और ‘ब्रांडिंग’ का सर्वोत्तम समय है। महाकुंभ मेला सेक्टर तीन स्थित भव्य ‘डिजिटल कुम्भ एक्सपीरियंस सेंटर’ का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 जनवरी से प्रारंभ होने जा रहे प्रयागराज महाकुम्भ में त्रिवेणी स्नान का पुण्य लाभ लेने के लिए पूरी दुनिया में अपूर्व उत्साह है और देश के भीतर न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि कई अन्य राज्यों की पूरी कैबिनेट संगम स्नान करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि डिजिटल महाकुम्भ एक्सपीरिएंस सेंटर सही मायनों में महाकुम्भ की दिव्यता और भव्यता को डिजिटल रूप से प्रदर्शित करता है।
‘हमारी भावी पीढ़ी को एक्सपीरिएंस सेंटर पर जरूर आना चाहिए’
मुख्यमंत्री योगी ने डिजिटल एक्सपीरिएंस सेंटर में वीआर तकनीक के माध्यम से दिखाई जा रही समुद्र मंथन की गाथा की अनुभूति कर इसकी प्रशंसा की।
साथ ही उन्होंने डिजिटल एक्सपीरियेंस सेंटर की अन्य सभी गैलरी का निरीक्षण भी किया और इसे नयी पीढ़ी को भारत की प्राचीनतम संस्कृति से परिचित करवाने का सबसे उपयुक्त केंद्र बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी भावी पीढ़ी जो महाकुम्भ में संगम स्नान के लिए आएगी, उसे डिजिटल महाकुम्भ एक्सपीरिएंस सेंटर पर जरूर आना चाहिए। इस सेंटर के माध्यम से भावी पीढ़ी को प्राचीनतम भारत की झलक देखने को मिलेगी। वह अपनी जड़ों को महसूस कर पाएंगे और सनातन धर्म के प्रति उनकी आस्था और प्रगाढ़ होगी। विदेशी पर्यटक भी भारत की संस्कृति और इसकी प्राचीनता को महसूस करेंगे।”
सीएम योगी ने की बैठक
महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर तीन में बना डिजिटल एक्सपीरिएंस सेंटर कृत्रिम मेधा (एआई) और ‘वर्चुअल रियलिटी’ (वीआर) के माध्यम से महाकुंभ पौराणिक कथाओं, समुद्र मंथन, प्रयाग महात्म्य और त्रिवेणी संगम को डिजिटल रूप से दिखाएगा। डिजिटल एक्सपीरियंस सेंटर 60 हजार वर्ग फुट के क्षेत्र में 12 जोन में बंटा हुआ है। इसमें एआई, वीआर, एआर, होलोग्राम और एलईडी डिस्प्ले के माध्यम से पौराणिक गाथाओं को दर्शाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 80 प्रतिशत टेंट की बुकिंग हो चुकी है। हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और आईआईटी जैसी संस्थाएं इस बार महाकुम्भ के विविध आयामों पर शोध-अध्ययन और दस्तावेज तैयार करने जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में प्रयागराज को आकर्षक स्वरूप देने वाले गंगा, यमुना और सरस्वती स्वागत द्वारों और नक्षत्र वाटिका सहित अनेक नवीन कार्यों का डिजिटल माध्यम से लोकार्पण भी किया।