
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट ने अहम मुकाम हासिल कर लिया है। मेट्रो का 6.22 किलोमीटर लंबा प्रायोरिटी कॉरिडोर, जो एम्स से सुभाषनगर तक है, अब टेस्टिंग के अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सभी जरूरी दस्तावेज रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) को सौंपे जा चुके हैं। आरडीएसओ की जांच के बाद कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) की टीम मुआयना करेगी। यदि सब कुछ मानकों पर खरा उतरा तो भोपाल में अक्टूबर-नवंबर तक मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू हो सकता है।
इंदौर से मिली शुरुआत, अब बारी भोपाल की
31 मई को इंदौर मेट्रो की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली की और अब उम्मीद जताई जा रही है कि भोपाल के यात्री भी जल्द ही मेट्रो का अनुभव ले सकेंगे। हालांकि, भोपाल में कुछ स्टेशन जैसे एम्स, डीआरएम तिराहा और अलकापुरी पर अभी काम बाकी है, जिसे आगामी महीनों में पूरा किया जाएगा। 3 अक्टूबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेट्रो का पहला ट्रायल रन सुभाषनगर से रानी कमलापति स्टेशन तक किया था। तब से लेकर अब तक लगातार ट्रायल रन और तकनीकी टेस्टिंग जारी है।
सुरक्षा मानकों की सख्त जांच
मेट्रो रेल की सुरक्षा के लिए दो चरणों में निरीक्षण होगा। RDSO के बाद CMRS की टीम ट्रैक, स्टेशन, ट्रेनिंग सिस्टम और सुरक्षा से जुड़े हर छोटे-बड़े पहलू की जांच करेगी। यदि सब कुछ संतोषजनक पाया गया तो फिर मेट्रो संचालन के लिए हरी झंडी मिल जाएगी।
एयरपोर्ट जैसा अनुभव देंगे स्टेशन
भोपाल मेट्रो के स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। यात्रियों को मेट्रो स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी, जिनमें फूड प्लाजा, दुकानें और अन्य सेवाएं शामिल होंगी। इन योजनाओं को विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया जा रहा है।