महाराष्ट्र में सरकारी कर्मचारियों के लिए गाइडलाइन जारी, इंटरनेट के इस्तेमाल के दौरान रखना होगा ये खास ख्याल

महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों पर नकेल कस दी है। वे इंटरनेट मीडिया पर सरकार की योजनाओं के बाबत टीका-टिप्पणी नहीं कर सकेंगे। ऐसा करने पर वालों के खिलाफ सरकार कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगी।

सोमवार को इस संबंध में सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने एक दिशानिर्देश जारी की है। दिशानिर्देश के बारे में सरकार ने हवाला दिया है कि इससे सरकारी बाबुओं के कामकाज में पारदर्शिता आएगी। कामों में गोपनीयता रहेगी और वे पहले से ज्यादा जवाबदेह होंगे।

महाराष्ट्र सरकार का आदेश
महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी परिपत्र में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी अपने निजी और अधिकारिक इंटरनेट मीडिया अकाउंट को अलग रखेंगे। इंटरनेट मीडिया पर सरकारी नीति या सरकार के काम को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी या आलोचना करने पर पूरी तरह से रोक है।

वरिष्ठ अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज या आधिकारिक जानकारी को साझा करना, अपलोड करना या फारवर्ड करने पर पाबंदी लगाई है। उन्हें अपने काम या सफल योजनाओं की जानकारी देने की छूट होगी, लेकिन वे अपनी खुद की प्रशंसा नहीं की सकेंगे।

क्या-क्या निर्देश दिए गए?
साथ ही आपत्तिजनक, घृणास्पद या मानहानिकारक सामग्री को साझा करना, अपलोड करना या फारवर्ड करना पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। नियमावली के अनुसार व्यक्तिगत इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल की फोटो को छोड़कर सरकारी पदनाम, लोगो, वर्दी, गणवेश या सरकारी संपत्ति (जैसे वाहन या इमारत) का उपयोग फोटो, रील या वीडियो में नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं।

दिशनिर्देश में कहा गया है कि सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए केवल सरकारी और आधिकारिक मीडिया का ही उपयोग किया जाना चाहिए।

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