
लंदन में पांचवें टेस्ट के चौथे दिन सोमवार को इंग्लैंड ने 374 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय तीन विकेट पर 301 रन बना लिए थे लेकिन 26 वर्षीय ब्रूक के आउट होने से उसकी टीम लड़खड़ा गई और उसे छह रन से हार का सामना करना पड़ा।
आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने भारत के खिलाफ ड्रॉ हुई टेस्ट सीरीज के दौरान इंग्लैंड की आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करने की रणनीति की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि, सकारात्मक क्रिकेट का मतलब लापरवाह क्रिकेट नहीं है। बता दें कि, भारत ने इंग्लैंड को आखिरी टेस्ट मैच में हराकर सीरीज 2-2 से बराबर कर दी थी। पांचवें दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए थे, जबकि भारत को चार विकेट की जरूरत थी। तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने शानदार गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट झटके जिससे भारत यह मुकाबला छह रन से जीतने में सफल रहा था।
ब्रूक पर भड़के चैपल
चैपल ने ‘ईएसपीएनक्रिकइन्फो’ में अपने कॉलम में युवा भारतीय टीम की अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रशंसा की। हालांकि, उन्होंने इंग्लैंड के खिलाड़ियों विशेषकर हैरी ब्रूक की आलोचना की। उनका मानना है कि ब्रूक परिस्थितियों को समझने में विफल रहे। भारत के पूर्व मुख्य कोच चैपल ने कहा, ‘इस सीरीज में इंग्लैंड का सफर उसके सामने चेतावनी पेश करता है। इसे प्रतिभाशाली लेकिन चंचल प्रकृति के हैरी ब्रुक ने मूर्त रूप दिया, जिनकी मैं पहले सार्वजनिक रूप से प्रशंसा कर चुका हूं।’
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उन्होंने कहा, ‘उनकी टाइमिंग बहुत अच्छी है। वह कई तरह के शॉट लगा सकते हैं। उनमें आत्मविश्वास है और बल्लेबाजी को सहज बनाने का दुर्लभ कौशल है। लेकिन क्रिकेट, विशेष रूप से टेस्ट क्रिकेट, केवल शॉट लगाने के बारे में नहीं है। यह निर्णय लेने के बारे में है। टेस्ट क्रिकेट में यह समझना जरूरी होता है कि कब आक्रामक होकर खेलना है और कब संयम बरतना है।’
‘सकारात्मक क्रिकेट का मतलब लापरवाह क्रिकेट नहीं’
लंदन में पांचवें टेस्ट के चौथे दिन सोमवार को इंग्लैंड ने 374 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय तीन विकेट पर 301 रन बना लिए थे लेकिन 26 वर्षीय ब्रूक के आउट होने से उसकी टीम लड़खड़ा गई और उसे छह रन से हार का सामना करना पड़ा। चैपल ने कहा, ‘सकारात्मकता में कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन सकारात्मक क्रिकेट का मतलब लापरवाह क्रिकेट नहीं है। इसका मतलब है आत्मविश्वास से भरा, सोच-समझकर जोखिम उठाना।’