
न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज और इंग्लैंड टेस्ट टीम के गेंदबाजी कोच टिम साउथी का मानना है कि हाल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच समाप्त हुई टेस्ट सीरीज ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि टेस्ट क्रिकेट आज भी सबसे श्रेष्ठ और जीवंत प्रारूप है। क्रिकेट का यह पारंपरिक प्रारूप आज भी सबसे प्रासंगिक और गौरवपूर्ण है।
साउथी अब एक गेंदबाज के रूप में द हंड्रेड में बर्मिंघम फिनिक्स की ओर से मैदान पर जलवा दिखाने को तैयार हैं। बर्मिंघम फीनिक्स की पुरुष टीम अपना पहला मुकाबला शुक्रवार को ट्रेंट रोकेट्स के विरुद्ध खेलेगी। इस मैच का प्रसारण सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर रात 11 बजे से किया जाएगा।
टेस्ट क्रिकेट के भविष्य पर उठते सवालों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, अगर पिछले पांच वर्षों को देखें तो टेस्ट क्रिकेट और भी ज्यादा रोमांचक हुआ है। ज्यादा परिणाम सामने आए हैं, स्टेडियम में दर्शकों की संख्या बढ़ी है। भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड जैसे देशों में टेस्ट को लेकर जुनून बढ़ा है। मुझे नहीं लगता कि टेस्ट क्रिकेट कभी खत्म होगा, यह हमेशा शीर्ष पर रहेगा। हाल ही में संन्यास लेकर कोचिंग में कदम रखने वाले साउथी के लिए यह अनुभव बेहद खास रहा।
उन्होंने कहा कि इंग्लैंड जैसी टीम के साथ कोच के रूप में जुड़ना एक अलग ही अनुभव है। इतने वर्षों तक मैदान पर खेलने के बाद जब आप कोचिंग की भूमिका में आते हैं, तो नजरिया पूरी तरह बदल जाता है। आप जो कुछ खेल से पाए हैं, उसे लौटाने की भावना प्रबल होती है। वर्तमान में क्रिकेट के व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए साउथी ने वर्कलोड मैनेजमेंट को बेहद अहम करार दिया।
उन्होंने कहा, वर्तमान में बहुत क्रिकेट खेला जा रहा है। एक खिलाड़ी को तीनों प्रारूप में खेलना पड़ता है, जिससे शरीर पर असर पड़ता है। खासकर तेज गेंदबाजों के लिए वर्कलोड मैनेजमेंट जरूरी हो गया है। भारत के विरुद्ध सीरीज में हमारे पास गेंदबाजों का अच्छा पूल था, जिससे कार्यभार संतुलित करने में मदद मिली। साउथी ने द हंड्रेड लीग को भी युवा खिलाड़ियों के लिए शानदार मंच बताया।
उन्होंने कहा, मैं पिछले कुछ वर्षों से हंड्रेड में नहीं खेला है, लेकिन यह बेहद प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट है। युवा खिलाडि़यों के लिए खुद को साबित करने और दबाव की परिस्थितियों में खेलने का यह बेहतरीन अवसर है। उम्मीद है इस बार भी कुछ अनसुने नाम स्टार बनकर उभरेंगे।