
वॉशिंगटन में एफबीआई के अंदर बड़ी उथल-पुथल मची हुई है। एक के बाद एक वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन बाहर किया जा रहा है। इनमें एक ऐसा पूर्व कार्यकारी निदेशक भी शामिल है, जिन्होंने ट्रंप प्रशासन की उस मांग का विरोध किया था, जिसमें छह जनवरी के दंगे की जांच करने वाले एजेंटों के नाम मांगे गए थे। इस पूरे घटनाक्रम ने एफबीआई की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और आंतरिक प्रक्रियाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
एफबीआई के पूर्व कार्यकारी निदेशक ब्रायन ड्रिस्कॉल को अचानक उनके पद से हटा दिया गया। वे 6 जनवरी की घटना के बाद एफबीआई की आपात प्रतिक्रिया इकाई के प्रमुख थे और कुछ समय तक कार्यकारी निदेशक की भूमिका में भी रहे। हालांकि उन्हें हटाने के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं की गई है। खुद ड्रिस्कॉल ने अपने साथियों को एक संदेश में कहा कि मेरे पास इस फैसले के पीछे कोई जवाब नहीं है। कोई ठोस कारण नहीं बताया गया है।
फील्ड ऑफिस के प्रमुख की भी छुट्टी
सिर्फ ड्रिस्कॉल ही नहीं, बल्कि वॉशिंगटन फील्ड ऑफिस के प्रमुख स्टीवन जेनसेन को भी उनके पद से हटा दिया गया है। जेनसेन को अप्रैल में यह जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन कुछ ट्रंप समर्थकों ने उनकी नियुक्ति का विरोध किया था क्योंकि वे 6 जनवरी के बाद डोमेस्टिक टेररिज्म यूनिट के प्रभारी रह चुके थे। उन्होंने अपने साथियों को भेजे एक मेल में लिखा कि मैं इस चुनौती का सामना भी पेशेवरता, ईमानदारी और गरिमा के साथ करूंगा।
अंदरूनी विरोध या जांच के नाम पर कार्रवाई?
जानकारों के अनुसार, कई एजेंट्स को पॉलिग्राफ टेस्ट (झूठ पकड़ने वाली जांच) के लिए मजबूर किया गया और कुछ को सिर्फ इसलिए हटाया गया क्योंकि वे किसी असहज राजनीतिक पक्ष से जुड़े थे या उन्हें असहमत माना गया। कुछ अधिकारियों को नस्लीय न्याय के प्रदर्शन में शामिल होने के कारण सजा दी गई। माइकल फेनबर्ग नाम के एक एजेंट ने कहा कि उन्हें इस्तीफा देने या पदावनति स्वीकार करने के लिए कहा गया क्योंकि वे पीटर स्ट्रजक के करीबी थे, जिन्हें ट्रंप-रूस जांच में शामिल होने और ट्रंप विरोधी मैसेज भेजने के लिए 2018 में बर्खास्त कर दिया गया था।
ट्रंप की मांग और एफबीआई का विरोध
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने 6 जनवरी के दंगे की जांच में लगे एजेंटों की पहचान उजागर करने की मांग की थी। ड्रिस्कॉल और डिप्टी डायरेक्टर रॉबर्ट किसेन ने इस मांग का विरोध किया था। जस्टिस डिपार्टमेंट के अधिकारी एमिल बोव ने तब आरोप लगाया था कि एफबीआई के शीर्ष अधिकारी “आदेशों की अवहेलना” कर रहे हैं। हालांकि एफबीआई ने कर्मचारियों के नामों की जगह कोड नंबर देकर जानकारी दी थी। यह मांग ट्रंप के उस कार्यकारी आदेश के तहत की गई थी, जिसमें “सरकारी एजेंसियों के राजनीतिक दुरुपयोग” की जांच का निर्देश था।
एजेंट्स संगठन ने जताई नाराजगी
एफबीआई एजेंट्स संघ ने इस तरह की बर्खास्तगी और बिना कारण बताए अधिकारियों को हटाने पर गहरी चिंता जताई है। संगठन ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एजेंसी की स्वतंत्रता और गैर-राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एजेंट्स को बिना कानूनी प्रक्रिया के हटाया गया, तो देश की सुरक्षा प्रभावित होगी। उन्होंने एफबीआई नेतृत्व से कानून और प्रक्रिया का पालन करने की अपील की है।