शिमला: फर्जी प्रमाणपत्र पर गरीबों का मकान हड़पने पर सरकारी कर्मी पर केस

शिमला शहर में गरीबों के लिए बने आवास फर्जी बीपीएल प्रमाणपत्र पर हासिल करने के मामले में पुलिस ने सरकारी विभाग में तैनात एक महिला कर्मी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। नगर निगम शिमला की विभागीय जांच में यह गड़बड़झाला सामने आया है। अब निगम ने इस संबंध में ढली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने संतोष कुमारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत केस दर्जकर मामले की जांच शुरू कर दी है।

पुलिस को दी शिकायत में नगर निगम के अतिरिक्त एसई कम प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभियंता धीरज कुमार ने बताया कि संतोष कुमारी ने आशियाना-2 ढली में सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद फर्जी बीपीएल प्रमाणपत्र के आधार पर मकान आवंटित करवाया है। नगर निगम की जांच में यह बात सामने आई है। इसके बाद महिला को नोटिस जारी कर मकान खाली करने के निर्देश भी जारी किए थे लेकिन उसने मकान खाली नहीं किया। इसके बाद नगर निगम की ओर से इस बारे में ढली पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी है। इसमें फर्जी बीपीएल प्रमाणपत्र के आधार गरीबों के लिए बने आवास हासिल करने की शिकायत दी है।

इसी आधार पर पुलिस ने अब मामले में आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। गौरतलब है कि बीपीएल प्रमाण पत्र जारी करने में वार्डों में तैनात नगर निगम के वार्ड सचिव की अहम भूमिका रहती है। वहीं बीपीएल के लिए 35 हजार आय सीमा का प्रमाण पत्र पटवारी और तहसीलदार के सत्यापन के बाद ही जारी हो सकता है। ऐसे में पुलिस की जांच में आने वाले दिनों में इसको लेकर भी जांच की जाएगी कि महिला को किस तरह से नियमों के विरुद्ध बीपीएल प्रमाणपत्र जारी कर दिया।

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