हिमाचल प्रदेश: बदल रहा मौसम चक्र, भारी बरसात के बाद बर्फबारी

हिमाचल प्रदेश में इस बार मौसम चक्र बदलने लगा है। मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 42 फीसदी अधिक बारिश होने के बाद अक्तूबर के पहले ही सप्ताह में राज्य के कई रिहायशी इलाकों में बर्फबारी दर्ज की गई है।

सात साल बाद हफ्ते पहले बर्फबारी से किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चंबा और कुल्लू जिलों में रात का तापमान शून्य से नीचे चला गया है। हिमाचल में 4 से 7 अक्तूबर के बीच सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते ऊंचे इलाकों में भारी हिमपात और निचले इलाकों में तेज बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक संदीप कुमार के मुताबिक अक्तूबर के शुरुआती हफ्ते में इतना सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ पिछले कई वर्षों में नहीं देखा गया।

मानसून के बाद वातावरण में बची नमी और पश्चिमी विक्षोभ की ठंडी हवाओं के मिलने से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में भारी बारिश हुई। इस बार अरब सागर से आई अतिरिक्त नमी ने पश्चिमी विक्षोभ को और ताकतवर बनाया, जिससे बर्फबारी कम ऊंचाई तक पहुंच गई। मानसून के दौरान प्रदेश में सामान्य से 42 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। इस बार मानसून सीजन के दौरान 30 साल बाद रिकॉर्ड बादल बरसे। 1995 के बाद बरसात के मौसम में इस साल सबसे अधिक बारिश हुई। 1995 में 1029 एमएल बारिश हुई थी, इस बार 1023 एमएल बारिश हुई। 50 जगह बादल फटे और बाढ़ की 98 और भूस्खलन की 148 घटनाएं हुईं।

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