उत्तर प्रदेश के ‘खाकी’ ने एक बार फिर शर्मसार कर दिया है। अपहृत किशोरी को बरामद करने के लिए देवरिया पुलिस ने पीड़ित मां से रुपये लिए। मुंबई जाने के लिए मां से ही फ्लाइट के टिकट बुक कराए, इसके बाद वापस लौटने के लिए ट्रेन के टिकट भी मां से ही बुक कराए।
देवरिया से गजब का मामला सामने आया है। अपहृत किशोरी की बरामदगी के मुंबई जाने के लिए किशोरी की मां से फ्लाइट का टिकट बुक कराया। इसके अलावा लौटने के लिए भी मां से ट्रेन का टिकट बनवाया था। इसके साथ ही खर्चे के लिए छह हजार रुपये भी लिए थे। तीन पुलिसकर्मी मुंबई से किशोरी को बरामद कर लाए, बरामदगी के बाद युवती फिर से गायब हो गई। अब फिर पीड़ित मां तलाश में थाने का चक्कर काट रही है।
दरअसल, देवरिया में कुछ समय पहले गांव का ही एक युवक प्रेम जाल में फंसा कर किशोरी को भगा ले गया। इसकी जानकारी हुई तो मां ने थाने पहुंचकर बेटी की बरामदगी की गुहार लगाई। इसके बाद पुलिस ने जब मामले की जांच की तो उसकी लोकेशन मुंबई में मिली।
पुलिस की तीन सदस्यीय टीम उसे मुंबई से लाने के लिए तैयार हुई। स्थानीय पुलिस ने मां से करीब 22,200 रुपये का लखनऊ से फ्लाइट के टिकट बुक कराए। इसके बाद वापसी के लिए करीब सात हजार रुपये के ट्रेन के टिकट भी मां से बनवाए।
यही नहीं वहां आने-जाने में होने वाले खर्च के लिए भी पीड़िता की मां से करीब छह हजार रुपये की नगदी भी ली। इसके बाद युवती को बरामद कर मां को सौंप दिया, लेकिन युवती फिर से गायब हो गई। इसके बाद से मां अपनी बेटी की बरामदगी के लिए अब फिर पुलिस से गुहार लगा रही है।
बघौचघाट थाना इलाके के एक गांव में रहने वाली गरीब महिला की बेटी को कुछ दिन पहले गांव का ही एक युवक प्रेम जाल में फंसाकर भगा ले गया। मां ने उसकी काफी खोजबीन की, लेकिन उसका कहीं भी सुराग नहीं मिला। इसके बाद पीड़िता ने पुलिस से गुहार लगाई। पुलिस ने जांच की तो गायब युवती और युवक की लोकेशन मुंबई में मिली।
पुलिस ने महिला को बुलाकर मुंबई जाने के लिए फ्लाइट का टिकट बुक कराने के लिए कहा। पुलिस का कहना था कि जितनी जल्दी पहुंचेंगे उतनी जल्द उसे बरामद कर लेंगे। लेट होगा तो वे लोग अपना ठिकाना बदल देंगे। पुलिस कर्मियों ने उक्त असहाय महिला को पूरी तरह झांसे में लेते हुए टिकट बुक कराया।
महिला ने एक दरोगा, एक सिपाही और एक महिला कांस्टेबल के मुंबई के टिकट बुक कराए। इसके बाद लौटने के लिए करीब सात हजार के ट्रेन के टिकट बुक कराए। खर्च के लिए उसकी मां से 6000 रुपये भी लिए। महिला ने गांव में कर्ज लेकर किसी तरह से टिकट बनवाए और उनको खर्च के पैसे दिए।
17 जून को पुलिस वाले ट्रेन से महिला के खर्चे से लखनऊ गए। इसके बाद लखनऊ से 18 जून को फ्लाइट से मुंबई पहुंच गए। 19 को जून को महिला के भेजे पैसे से ट्रेन के टिकट कराए और 21 जून को वापस आ गए। मुंबई जाने वालों में दरोगा लक्ष्मी नारायण, महिला कांटेबल वंदना यादव एवं सिपाही रूपेश यादव शामिल थे।
युवती को लाकर मेडिकल कराने व कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद मां को सौंप दिया। इसके बाद अचानक से युवती फिर से गायब हो गई। दोबारा बेटी के गायब होने पर उसकी खोज के लिए पीड़िता रोज थाने का चक्कर लगा रही है।
अब तक उसकी लड़की का पता नहीं चल सका है। इधर थकहार कर उसने सारी आपबीती उच्चाधिकारियों को सुनाई है। उसने बेटी को बरामद करते हुए टिकट बनवाने व खर्च के लिए पैसे लेने वालों पर कार्रवाई की मांग की है।
इस संबंध में सीओ सीटी संजय कुमार रेड्डी ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।