खतरे में असद की सत्ता, राजधानी दमिश्क के करीब पहुंचे विद्रोही

सीरिया में विद्रोहियों ने बशर अल-असद सरकार के सामने राजधानी दमिश्क और उसके नजदीक के होम्स शहर को बचाने की चुनौती खड़ी कर दी है। हयात तहरीर अल-शाम के लड़ाकों ने हफ्ते भर में अलेप्पो, हामा, दीर अल-जोर के बाद दारा व सुवेदा पर भी कब्जा कर लिया है।

कुर्द विद्रोहियों ने भी तुर्किये से लगने वाले शहरों पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। ताजा स्थिति में रूस के बाद भारत और अन्य देशों ने अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने के लिए कहा है।

सीरिया की यात्रा न करें भारतीय: विदेश मंत्रालय

भारत ने नागरिकों को सीरिया की यात्रा फिलहाल न करने की सलाह दी है। असद अपने 24 वर्ष के शासनकाल के सबसे मुश्किल दौर में हैं। इस बार विद्रोहियों और अमेरिका समर्थित कुर्द विद्रोहियों से सीरियाई सेना को एक साथ निपटना पड़ रहा है। शनिवार को दमिश्क से 100 किलोमीटर से भी कम दूर स्थित दारा शहर पर भी विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया।

होम्स में जा पहुंचे विद्रोही

वहां पर सरकारी सेना ने सुरक्षित रास्ता पाकर बिना लड़े ही शहर खाली कर दिया। सुवेदा पर भी मामूली प्रतिरोध के बाद विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया। विद्रोहियों ने सीरियाई वायुसेना के ठिकाने और हथियारों पर भी कब्जा कर लिया है। विद्रोही देश के तीसरे बड़े शहर होम्स की सीमा में भी दाखिल हो चुके हैं।अगर होम्स पर विद्रोहियों का कब्जा हो गया तो वह राष्ट्रपति असद की बड़ी हार होगी। उसके बाद उनकी सरकार का समुद्र तटीय इलाके से संपर्क खत्म हो जाएगा। 13 वर्षों से अस्थिर सीरिया में असद की सत्ता को इस बार सबसे कड़ी चुनौती मिल रही है। इस बार यूक्रेन युद्ध में फंसा रूस उसकी पहले जैसी मदद नहीं कर पा रहा है और दूसरा प्रमुख मददगार हिजबुल्ला भी इजरायली हमलों के चलते कमजोर पड़ चुका है।

लाखों लोग घर छोड़ने पर मजबूर

पश्चिम एशिया की नई स्थितियों में ईरान भी असद की बड़ी मदद करने में खुद को सक्षम नहीं पा रहा है। ऐसे में असद विरोधी शक्तियां उठ खड़ी हुई हैं और उन्होंने सीरिया की सत्ता बदलने की मुहिम छेड़ दी है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अभी तक की लड़ाई में तीन लाख सत्तर हजार नागरिक जान बचाने के लिए अपना घर छोड़ चुके हैं। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए कतर ने सीरिया की अस्थिरता को क्षेत्र के लिए खतरनाक बताया है। इससे इस्लामिक संगठनों का प्रभाव बढ़ने और शरणार्थी समस्या बढ़ने का खतरा है।

विद्रोहियों का समर्थक तुर्किये भी शरणार्थी समस्या बढ़ने की आशंका से ¨चतित हो गया है। शनिवार को दोहा में रूस, ईरान और तुर्किये के विदेश मंत्रियों की बैठक में सीरिया की स्थिति और उसके दुष्परिणामों पर चर्चा की गई। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बताया कि बैठक में सीरिया में लड़ाई रोके जाने और बातचीत से मतभेद दूर करने की आवश्यकता जताई गई।

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