महाराष्ट्र में 10 दिवसीय गणेशोत्सव का आगाज

महाराष्ट्र में बुधवार को 10 दिन का गणेशोत्सव शुरू हो गया। लोग बड़े उत्साह के साथ अपने पसंदीदा हाथी के सिर वाले भगवान गणेश को अपने घरों, मकानों और सार्वजनिक पंडालों में ला रहे हैं। सुबह के वक्त चारों ओर ‘गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया’ के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है।

सुबह के समय ‘गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया’ के जयकारे गूंज रहे हैं। छोटे, मध्यम और बड़े आकार की गणेश की प्रतिमाएं ढोल-ताशा की ताल के साथ भक्तों के दिलों और घरों में श्रद्धा के साथ विराजमान हो रही हैं। मुंबई में भगवान गणेश के स्वागत के लिए भव्य सजावट की गई है। उन्हें समृद्धि लाने वाला और बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है।

पहली बार महाराष्ट्र सरकार ने गणेशोत्सव को राज्य का आधिकारिक त्योहार घोषित किया है। इस 10 दिन के उत्सव के दौरान राज्य के संस्कृति विभाग की ओर से कई गतिविधियां, कार्यक्रम, समारोह और प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं।

गणेश मंडलों को छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को विश्व धरोहर घोषित किए जाने, ऑपरेशन सिंदूर और स्वदेशी भावना के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कहा गया है। बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति ने अपने सदस्यों से त्योहार के आयोजन को सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने आगामी नगर निगम चुनावों को देखते हुए गणेशोत्सव को राजनीतिक रंग से दूर रखने पर जोर दिया है और कहा कि यह संस्कृति और भक्ति का त्योहार है।

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