
हिमाचल प्रदेश सरकार ने पूर्व जयराम सरकार के समय दिए गए उच्च वेतनमान का निर्णय वापस ले लिया है। 2022 में जारी अधिसूचना के अनुसार 89 श्रेणियों के विभिन्न कर्मचारियों को दो वर्ष का नियमित कार्यकाल पूर्ण करने पर उच्च वेतनमान दिया गया था। कर्मचारी संगठन सरकार के इस फैसले से भड़क गए हैं। कर्मचारी संगठनों ने इसे आपदा में कर्मचारियों को धोखा करार दिया है। आरोप लगाया है कि सरकार ने न तो कर्मचारियों को डीए दिया, न डीए का एरियर दिया और अब अब उच्च वेतनमान की अधिसूचना भी वापस ले ली है। रविवार को अराजपत्रित कर्मचारी संघ के दोनों धड़ों ने इसे लेकर वर्चुअल बैठक की और सरकार के फैसले के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई।
सीटू राज्य कमेटी ने भी सरकार के इस फैसले को कर्मचारी विरोधी करार दिया है। कर्मचारी संघों का कहना है कि सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के हजारों कर्मचारियों को मासिक औसतन 15,000 से 20,000 की वित्तीय हानि होगी। कर्मचारी संगठनों ने सरकार के फैसले को अन्यायपूर्ण, अव्यावहारिक और प्राकृतिक न्याय के विपरीत करार दिया है। कर्मचारी संगठनों ने अधिसूचना वापस लेने की मांग को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मुलाकात करने का भी फैसला लिया है। अगर सरकार सकारात्मक आश्वासन नहीं देती तो आंदोलन का भी ऐलान हो सकता है।