हिमाचल प्रदेश: एक तारीख को पेंशन के लिए हाईकोर्ट पहुंचे सेवानिवृत्त कर्मी, सरकार को नोटिस

हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को हर माह की पहली तारीख को नियमित रूप से पेंशन जारी करने की मांग को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसे लेकर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने को कहा है। प्रतिवादियों ने जवाब दायर करने के लिए चार सप्ताह के समय की मांग की है। मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।

यह याचिका एचआरटीसी सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अशोक पुरोहित और अन्य की ओर से दायर की गई है। याचिका में केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 83 का हवाला दिया गया है, जिसे 2021 के संशोधन के तहत अपडेट किया गया था। इस नियम के अनुसार पेंशन को हर महीने के के पहले कार्य दिवस को जारी किया जाना अनिवार्य है। याचिका में अदालत से आग्रह किया है कि एचआरटीसी को सरकारी पेंशनरों के लिए लागू नियमों के अनुरूप पेंशन समय पर जारी करने के निर्देश दिए जाएं।

उल्लेखनीय है कि 13 सितंबर 1995 को हिमाचल प्रदेश सरकार ने रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन अधिनियम 1950 की धारा 34 के तहत एचआरटीसी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना लागू की थी। यह योजना सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के अनुरूप अपनाई गई थी। 6 अक्तूबर 1995 को जारी अधिसूचना के अनुसार एचआरटीसी को पेंशन वितरण के लिए अलग पेंशन कोष बनाना था और निगम के वित्त सह-मुख्य लेखा अधिकारी को पेंशन भुगतान के लिए उत्तरदायी अधिकारी नियुक्त किया गया था। याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के अनुसार पेंशन वितरण में देरी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन है। ऐसी देरी पर संबंधित विभाग को ब्याज सहित भुगतान करने का दायित्व हो सकता है।

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