बोर्ड्स एग्जाम की चिंता बच्चों का स्ट्रेस बढ़ती है, इन तरीकों से करें उनका स्ट्रेस दूर

बोर्ड्स के एग्जाम बच्चों के लिए कितने तनावपूर्ण हो सकते हैं, इसका अंदाजा आप अपने एग्जाम के दिनों को याद करके लगा सकते हैं। इम्तिहान की चिंता में बच्चों के रातों की नींद तक उड़ जाती है। कॉम्पिटिशन इतना बढ़ चुका है कि बच्चे हमेशा इसी चिंता में रहते हैं कि कहीं वे अपने साथियों से पीछे न छूट जाएं। इस कारण से उन पर एग्जाम में सबसे अच्छा परफॉम करने का दबाव बना रहता है, लेकिन यह चिंता आपके बच्चे को फायदा नहीं बल्कि, नुकसान पहुंचाती है। इसलिए उनके तनाव को कम करने में आपको उनकी मदद करनी चाहिए, लेकिन कैसे? अगर आपके पास भी इसका जवाब नहीं है, तो हम आपकी मदद करते हैं। आइए जानते हैं किन तरीकों से आप अपने बच्चों के बोर्ड्स के एग्जाम की चिंता को कम कर सकते हैं।

उनसे बात करें
ऐसा हो सकता है कि आपका बच्चा अपनी चिंता आपके साथ खुलकर शेयर न कर पा रहा हो। इसकी वजह हो सकती है कि वह या तो डर रहा हो कि आपको उनकी बात समझ नहीं आएगी या शर्म की वजह से संकोच कर रहा हो। ऐसे में आपको ही पहल करनी होगी। आप अपने बच्चे के साथ शांति से खुलकर बात करें। उन्हें बताएं कि वे अपनी तरफ से अपना बेहतरीन परफॉर्म करें और रिजल्ट कि चिंता न करें। इससे स्ट्रेस कम करने में काफी मदद मिल सकती है।

रिलैक्स होने के तरीके बताएं
तनाव के कारण आपके बच्चे की मेंटल हेल्थ पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए उन्हें ऐसी तकनीकें सिखाएं, जिससे स्ट्रेस कम करने में मदद मिल सके। योग, मेडिटेशन, बाहर खेलना, वॉक करना, म्यूजिक सुनना, ऐसे कई तरीकों से आप उन्हें स्ट्रेस मैनेज करना सिखा सकते हैं।

उन पर भरोसा जताएं
कई बार आपके बच्चे को इस बात का डर रहता है कि अगर वे असफल हो गए या कम मार्क्स लाएंगे, तो आप उनसे प्यार नहीं करेंगे, उन्हें बेवकूफ समझेंगे। इसलिए वे और अधिक तनाव में आ जाते हैं। इसलिए अपने बच्चों को यह यकीन दिलाएं कि उनके मार्क्स की वजह से उनके लिए आपका प्यार कभी कम नहीं होगा। इससे उनका कॉन्फिडेंस भी मजबूत होगा और वे पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान लगा पाएंगे।

उनकी डाइट पर ध्यान दें
एग्जाम का समय जैसे-जैसे नजदीक आने लगता है, वैसे-वैसे बच्चे खाने-पीने पर कम ध्यान देने लगते हैं। इसकी वजह से तनाव। वे अपना ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ाई को देना चाहते हैं, लेकिन खाना ठीक से न खाने से सेहत बिगड़ सकती है, जिस कारण से पढ़ाई में बाधा आ सकती है। इसलिए उन्हें हेल्दी डाइट दीजिए। फल, सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, दूध, दधी, साबुत अनाज आदि को संतुलित मात्रा में उन्हें खिलाएं।

नींद पूरी करने की सलाह दें
एग्जाम की तैयारी के लिए अक्सर बच्चे रात-रात भर जागकर पढ़ाई करते हैं। इस वजह से नींद पूरी नहीं होती है और दिमाग रिलैक्स नहीं कर पाता है। इस कारण से फोकस की कमी, चीजें याद न रहना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए उन्हें कम से कम 7-8 घंटा सोने की सलाह दें।

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