किसान आंदोलन : नौ दिन से पंजाब के रास्तों संग काम-धंधे भी बंद…

किसान आंदोलन के चलते पंजाब के रास्ते नौ दिन से बंद हैं। ऐसे में लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के काम-धंधे ठप हो गए हैं। 

एमएसपी और अन्य मांगो के लिए शंभू सीमा पर प्रदर्शन के कारण यातायात चरमरा गया है। इस कारण अंबाला डिपो अपनी बसों को पंजाब के लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और पटियाला नहीं भेज रहे हैं।

इसी तरह से पीआरटीसी और पंजाब रोडवेज के अधिकारी भी अपनी बसों को दिल्ली, हरिद्वार, देहरादून, सहारनुपर, वृंदावन और जयपुर, अंबाला और अंबाला से पटियाला, लुधियाना, जालंधर, अमृतसर का रूट पूरी तरह से बंद है। इन रूटों को बंद किए हुए नौ दिन बीत चुके हैं। लेकिन यात्रियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही और दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में अंबाला छावनी बस अड्डे पर अधिकतर यात्रियों को घंटों बस का इंतजार करते आसानी से देखा जा सकता है।

छह घंटे से परिवार के साथ कर रहा इंतजार
जींद निवासी विपिन ने बताया कि वह जींद में अपनी भाई के पास से ट्रेन के माध्यम से अंबाला छावनी आया था। उसे अपनी पत्नी वीणा बच्चे सुमित कुमार, शिवानी के साथ हिमाचल प्रदेश के सुंदर नगर जाना है। वह सुबह के छह बजे से दोपहर के 12 बज गए हैं, लेकिन अभी तक कोई भी बस नहीं आई जिससे वह सुंदर नगर जा सके।

दो घंटे से परिवार के साथ कर रहा है बस का इंतजार
गुरुग्राम निवासी बबलू ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ शहजादपुर के गोलपुरा गांव में अपनी रिश्तेदारी में आया था। अब वह अपने घर जाने के लिए बस अड्डे पर आया है और उसके दो घंटे से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन बस नहीं मिल रही है।

डेढ़ घंटा हो गया है बस की इंतजार करते हुए
सहारनपुर निवासी रहमान ने बताया कि वह पंजाब के सुनाम में काम करता है और घर पर शादी समारोह में भाग लेने आया था। अब उसे वापस अपने काम पर जाना है, इसके लिए वह सुबह अपने घर से अंबाला छावनी बस अड्डे पर आया और डेढ़ घंटे से बस की इंतजार कर रहा है।

पंजाब की तरफ एक भी बस नहीं मिली
देहरादून निवासी प्रदीप ने बताया कि वह पंजाब के मुक्तसर मलोट में प्राइवेट जॉब करता है। कुछ दिन की छुट्टी कर वह घर आया था। अब वह घर से अंबाला आया है और सवा घंटे से ज्यादा हो गया है और पंजाब की एक भी बस नहीं आई है।

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