अगले सप्ताह पुणे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय ‘प्रतिनिधि’ सभा की बैठक होगी। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव, बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के उत्पीड़न और मणिपुर में मौजूदा स्थिति सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
15 मार्च से शुरू होने वाली तीन दिवसीय बैठक में आरएसएस के सरकार्यवाह पद के लिए चुनाव होगा, जो संगठन में सरसंघचालक के बाद दूसरा शीर्ष पद है। इस समय दत्तात्रेय होसबाले सरकार्यवाह हैं। उन्हें 2021 में बेंगलुरु में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में तीन साल की अवधि के लिए आरएसएस सरकार्यवाह चुना गया था। बैठक के दौरान आरएसएस की राज्य इकाइयों के ‘संघचालक’ (प्रमुख) पद के लिए भी चुनाव होंगे।
एक मार्च को बयान में आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचार और मीडिया प्रभारी सुनील आंबेकर ने कहा था कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 2023-24 में आरएसएस के स्वयंसेवकों और इसकी विभिन्न शाखाओं द्वारा किए गए सभी कार्यों और ‘सेवा कार्यों’ की समीक्षा करेगी। बैठक में ‘स्वयंसेवकों’ के प्रशिक्षण के लिए नई ‘संघ शिक्षा वर्ग’ योजना के कार्यान्वयन और संगठन के काम और क्षेत्रों के विस्तार की योजना पर भी चर्चा होगी। बैठक में 2025-26 में संघ के शताब्दी वर्ष समारोह की तैयारियों पर भी चर्चा होगी। अहम मुद्दों पर प्रस्ताव भी पारित किये जाएंगे।
सूत्रों ने कहा कि 45 ‘प्रांतों’ (इकाइयों) से कम से कम 1,500 आरएसएस स्वयंसेवकों और पदाधिकारियों के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में भाग लेने की उम्मीद है। बैठक में सरसंघचालक प्रमुख मोहन भागवत, महासचिव होसबाले मौजूद रहेंगे। विश्व हिंदू परिषद सहित आरएसएस के सभी 40 सहयोगियों के प्रतिनिधि भी बैठक में भाग लेंगे।