माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले मध्यप्रदेश के पहले पर्वतारोही और विक्रम अवॉर्डी रत्नेश पांडेय ने अपनी टीम के साथ एक और साहसिक कारनामा किया है। रत्नेश ने अपनी टीम के साथ उत्तराखंड के केदारकंठ पर्वत की चढ़ाई चढ़ कर साढ़े 12 हजार फीट की ऊंचाई पर तिरंगा लहराया और राष्ट्रगान का गायन किया। इस ट्रैकिंग दल में उनकी पत्नी अंजली भी शामिल रहीं।
एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही और विक्रम अवॉर्डी रत्नेश पांडेय के नेतृत्व में सतना के तीन युवा सुमन्त सिंह, अभिषेक सिंह और अंजली पांडेय ने केदारकंठ पर्वत पर सफल आरोहण किया। विक्रम अवार्डी रत्नेश पांडेय ने बताया कि भारत में सबसे अच्छे शीतकालीन ट्रैक में से एक केदारकंठ है। इस ट्रैकिंग पीक की चढ़ाई कठिन है। यह अभियान 23 मार्च से शुरू होकर 31 मार्च तक चला। यह ट्रैक उन सभी साहसिक खेल प्रेमियों के लिए है, जो बर्फ और ऊंचे पहाड़ों में रुचि रखते हैं।
केदारकंठ ट्रैक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सांकरी तहसील से शुरू होता है, जो भारत के सबसे अच्छे ट्रैकिंग स्थानों में से एक है। केदारकंठ ट्रैक का मुख्य आकर्षण सुंदर कैंप साइट, बर्फ से ढके देवदार के जंगल, पहाड़ों का 360 डिग्री दृश्य और हिमालय की चोटियों में से एक के शीर्ष पर खड़े होने का मौका है। केदारकंठा ट्रैक की कुल दूरी 23 किलोमीटर और चोटी की ऊंचाई 12 हजार 500 फीट है। टीम के सदस्य केदारकंठ आरोहण कर स्वर्गारोहिणी, ब्लैक पीक और बंदरपूंछ जैसी दिव्य चोटियां देख रोमांचित भी हुए।
सभी ट्रैकर्स को चढ़ाई के अंतिम पड़ाव में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जहां चढ़ाई लगभग खड़ी थी और खराब मौसम के कारण बर्फबारी भी हुई थी। लेकिन ट्रैकिंग दल के सदस्यों के जोश, उत्साह और उमंग की राह में मौसम भी बाधा नहीं बन पाया। इन सभी ने पर्वत शिखर पर पहुंच कर तिरंगा लहराया और राष्ट्रगान गाया। रत्नेश ने बताया कि सतना के युवाओं को पर्वतारोहण की ट्रेनिंग देकर इन प्रतिभागियों के माध्यम से सफल पर्वतारोहण करवा कर साहसिक खेलों को बढ़ावा देने का प्रयास रत्नेश पांडेय फाउंडेशन कर रहा है। यह आरोहण अवसाद (डिप्रेशन) के खिलाफ मानसिक तौर पर मजबूत रहने के संदेश के साथ किया गया।