साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नए नए तरीके अपना रहे हैं। अब उन्होंने बड़ी बड़ी कंपनी, बैंक और संस्थानों की हूबहू वेबसाइट और आईडी बनाकर साइबर ठगी शुरू कर दी है। इन शातिर साइबर अपराधियों के झांसे में आकर मुरादाबाद के कई लोग रकम गंवा चुके हैं। साइबर सेल में इस तरह की शिकायतें पहुंच रही हैं।
मोबाइल रिचार्ज न होने या ट्रांजेक्शन फंस जाने पर लोग गूगल पर कंपनी, बैंक की वेबसाइट या कस्टमर केयर का नंबर सर्च करते हैं तो साइबर अपराधी द्वारा बनाई गई फर्जी वेबसाइट खुल जाती है। असली और नकली में देखने में एक जैसी हैं। लोग समझ ही नहीं पाते हैं कि वेबसाइट असली है या नकली है। पीड़ित एक वेबसाइट खोलते हैं तो साइबर ठगों के जाल में फंसते चलते रहते हैं।
रिचार्ज न होने पर रिफंड के लिए की थी कॉल
मझोला के लाइन पार निवासी विवेक कुमार ने ऑन लाइन डिश टीवी का रिचार्ज किया था। उसके खाते से रकम कट गई थी लेकिन रिचार्ज नहीं हुआ था तब उसने गूगल से बैंक कस्टमर केयर नंबर सर्च किया था। कॉल रिसीव करने वाले ने खुद को बैंक कर्मचारी बताते हुए कहा कि उनके खाते में रकम वापस हो जाएगी।
आरोपी ने झांसे में लेकर विवेक से एनीटेस्क एप डाउन लोड करा लिया था। जिससे आरोपी का मोबाइल हैक हो गया और उसके खाते से 50 हजार रुपये किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिए थे।
ब्रांडेड कंपनी की जींस ऑर्डर की थी, हो गई ठगी
कटघर के मो. आलम ने फेसबुक पर एक ब्रांडेड कंपनी के नाम से बनी आईडी पर जींस देखी थीं। इस पोस्ट के साथ एक लिंक भी दिया गया था। जिस पर क्लिक करने पर एक ऑर्डर के लिए आप्शन आ गया था। जिस कारण वे जींस के लिए ऑर्डर दे दिया था, लेकिन मो. आलम के पास अब तक जींस नहीं पहुंची है।
इन बातों का रखें ध्यान
- किसी भी वेबसाइट पर जाने से पहले, सुनिश्चित करें कि यह सुरक्षित है या नहीं
- अगर किसी सामान के लिए ऑनलाइन ऑर्डर दे रहे हैं तो पहले पूरी तरह संतुष्ट हो जाएं कि वेबसाइट सही है
- किसी भी संदिग्ध ईमेल, एसएमएस या सोशल मीडिया संदेश में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें
- किसी अंजान व्यक्ति के साथ व्यक्तिगत जानकारी साझा करने में सावधानी बरतें
- यदि आप किसी धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं तो तुरंत पुलिस या साइबर अपराध में शिकायत करें