
क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो कॉकरोच को देखकर सिर्फ ‘छी-छी’ करते हैं और फिर भूल जाते हैं? या शायद बड़े होकर अब आपको इनसे उतना डर नहीं लगता? अगर हां, तो रुकिए! आपका यह बेफिक्र रवैया आपको और आपके परिवार को गंभीर बीमारियों के खतरे में डाल सकता है।
कॉकरोच अपने साथ कई खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस लेकर घूमते हैं। जी हां, ये सिर्फ आपके खाने पर नहीं बैठते, बल्कि घर के हर कोने में गंदगी फैलाते हैं, खासकर रात के अंधेरे में। तो अगली बार जब आप किसी कॉकरोच को देखें, तो उससे फैलने वाली इन 5 गंभीर बीमारियों के बारे में जरूर सोचें।
टाइफाइड कॉकरोच के जरिए फैलने वाला Salmonella Typhi नामक बैक्टीरिया टाइफाइड का कारण बनता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, कमजोरी, कब्ज या दस्त शामिल हो सकते हैं। ये लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 1 से 3 दिन के भीतर सामने आ सकते हैं। आराम और जरूरी दवाइयों से इस बीमारी का इलाज संभव है, लेकिन समय पर इसे पहचान बहुत जरूरी है।
फूड प्वाइजनिंग फूड प्वाइजनिंग कॉकरोच से जुड़ी सबसे आम समस्या है। अगर आप अनजाने में उस खाने या पानी का सेवन कर लें जिसमें कॉकरोच के कीटाणु पहुंच चुके हैं, तो पेट दर्द, उल्टी, दस्त और बुखार जैसे लक्षण दिख सकते हैं। हल्के मामलों में ORS और पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर राहत पाई जा सकती है, लेकिन जरूरत पड़ने पर एंटीबायोटिक दवाएं भी लेनी पड़ सकती हैं।
गंदगी से पनपने वाली बीमारी हैजा मुख्य रूप से तब होता है जब सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता। कॉकरोच ऐसे बैक्टीरिया फैला सकते हैं जो हैजा का कारण बनते हैं। इसका मुख्य लक्षण जरूरत से ज्यादा पतले दस्त होते हैं, जिससे शरीर में पानी की भारी कमी हो सकती है। ऐसे में IV फ्लूइड और दवाइयों की जरूरत होती है
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस और एलर्जी गैस्ट्रोएन्टेराइटिस यानी पेट की सूजन भी कॉकरोच से जुड़ी समस्या है। इसमें उल्टी, दस्त और पेट में बेचैनी महसूस होती है। वहीं, कॉकरोच की लार, मल और शरीर के टुकड़े हवा में मिलकर अस्थमा और एलर्जी जैसी समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। खासकर बच्चों में छींक आना, खांसी और सांस की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। इसके लिए डॉक्टर एंटीहिस्टामिन और इनहेलर की सलाह दे सकते हैं।
खून वाले दस्त और पेट में मरोड़ डिसेंट्री, जिसे आम भाषा में खून वाले दस्त कहा जाता है, कॉकरोच के कारण फैलने वाले Shigella बैक्टीरिया या अमीबा से हो सकता है। इस बीमारी में पेशेंट को बार-बार खून वाले दस्त, पेट में तेज दर्द और बुखार हो सकता है। इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से संभव है, लेकिन देरी बीमारी को बढ़ा सकती है।
बचाव ही है सबसे अच्छा इलाज कॉकरोच से होने वाली बीमारियों से बचाव आसान है, बशर्ते आप कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें:
घर की नियमित सफाई करें, खासकर रसोई और बाथरूम की।
कूड़ेदानों को समय-समय पर खाली और साफ करते रहें।
खाने-पीने की सभी चीजों को ढककर ही रखें।
जहां-जहां गंदगी या नमी हो सकती है, वहां विशेष सतर्कता बरतें।
समय-समय पर प्रोफेशनल पेस्ट कंट्रोल करवाना न भूलें।
कॉकरोच जितने सामान्य लगते हैं, उतने ही खतरनाक भी हो सकते हैं। अब तो आप जान ही चुके होंगे कि ये छोटे जीव कैसे गंभीर बीमारियों को फैला सकते हैं, जो खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। बेहतर यही है कि हम सतर्क रहें, स्वच्छता बनाए रखें और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।