राजधानी में इलेक्ट्रिक बसों को रखने और चार्ज करने के लिए विशेष तौर पर तैयार किए गए डिपो की जरूरत है। यह डिपो पूरी तरह से विद्युतीकृत होंगे। जिससे ई-बसों को चार्ज करने के साथ ही उनका रखरखाव भी किया जा सके। ऐसे में दिल्ली के सभी बस डिपो को विद्युतीकृत किया जा रहा है। वर्तमान में 62 बस डिपो में से 16 को विद्युतीकृत किया गया है। इन डिपो से ई-बसों को संचालन भी किया जा रहा है। शेष अन्य डिपो को भी विद्युतीकृत करने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है।
परिवहन विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि बिना विद्युतीकृत डिपो के ई-बसों का संचालन करना संभव नहीं है। ऐसे में डिपो को विद्युतीकृत करने के बाद ई-बसों को लाया जाता है। वर्तमान में दिल्ली में 1650 ई-बसें हैं। इसमें 300 बसें क्लस्टर योजना के तहत हैं। इन बसों को विभिन्न जगहाें पर बने डिपो में रखा गया है। परिवहन विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आगामी दिनों में अब अधिकतर ई-बसें ही आएंगी। इस स्थिति में डिपो को विद्युतीकृत करने का काम जोरो से पर है। अभी हाल ही में चार डिपो की 977 क्लस्टर बसों का अनुबंध खत्म हुआ था।
उनकी जगह पर ई-बसों को लाया जाना था, लेकिन विद्युतीकृत डिपो के नहीं होने से और अन्य कारणों से उक्त क्लस्टर बसों का अनुबंध नौ माह के लिए आगे बढ़ाया गया। वहीं बताया यह भी जा रहा है कि बस बनाने की वाली कंपनियां की ओर से भी बसों की आपूर्ति करने में ढिलाई की जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ई-बसों को लाने के लिए तैयारियां चल रही है। जल्द ही बसें दिल्ली की सड़कों पर होंगी। बीते फरवरी के बाद अब तक एक भी ई-बस नहीं लाया गया है।
1500 करोड़ रुपये खर्च कर रही सरकार…
बस डिपो को विद्युतीकृत करने के लिए दिल्ली सकरार 1500 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। ताकि वर्ष 2025 तक 8,000 से अधिक ई- बसों को लाया जा सके। सरकार ने वर्ष 2025 तक दिल्ली की सड़कों पर 10480 बसें चलाने का लक्ष्य रखा है। इनमें से 8000 हजार ई-बसें और अन्य सीएनजी की बसें होंगी।
2895 पुरानी सीएनजी की बसें हैं डीटीसी के बेड़े में…
दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम के दौरान बड़ी संख्या में बसें सीएनजी बसें आईं थीं। तब भी बसों की कमी थी। वर्तमान स्थिति की बात करें तो अभी डीटीसी के बेड़े में कुल 4195 बसें हैं। इसमें 1650 इलेक्ट्रिक और 2895 बसें पुरानी सीएनजी की हैं। अधिकारियों की मानें तो 2025 के अंत तक के लिए बसों को चलाने की अनुमति मिली हुई थी। इसके बाद सभी सीएनजी बसें स्क्रैप में जाएंगी। पुरानी बसों रोजाना खराब भी हो रही हैं।
बेड़े में कब-कितनी ई-बसें शामिल हुईं…
17 जनवरी 2022 को दिल्ली में पहली इलेक्ट्रिक बस को शामिल किया गया।
मार्च 2022 में दो और इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया गया।
24 मई 2022 को 150 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया
24 अगस्त 2022 को 97 नई इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया गया।
02 जनवरी 2023 को 50 नई इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया गया।
01 मई 2023 को डीएमआरसी की 100 ई-बसों का अधिग्रहण किया गया।
05 सितंबर 2023 को 400 नई ई-बसों को शामिल किया गया।
14 दिसंबर 2023 को 500 नई ई-बसों को शामिल किया गया।
14 फरवरी 2024 को 300 और डीटीसी बेड़े में 50 अतिरिक्त ई-बसों को जोड़ा गया।