इन स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत होती है घुटनों में अकड़न

इन दिनों कई तरह की समस्याएं लोगों को अपना शिकार बना रही हैं। गलत खानपान और इनएक्टिव जीवनशैली बच्चों से लेकर बड़ों तक को प्रभावित कर रही है। घुटने में अकड़न यानी Stiffness in knees इन्हीं समस्याओं में से एक है, जिससे खासकर बुजुर्ग ज्यादा परेशान रहते हैं। यह एक आम समस्या है, जो खासकर ऐसे बुजुर्गों को प्रभावित करती है, जो शारीरिक रूप से बहुत सक्रिय हैं।

घुटनों में अकड़न पैरों में खराब लचीलेपन या मांसपेशियों के असंतुलन के परिणामस्वरूप हो सकती है। चोट और गठिया घुटने की कठोरता के अन्य सामान्य कारण हैं। ऐसे में आज आर्टिकल में हम आपको घुटने की अकड़न के कारणों के बारे में विस्तार बताएंगे और इसके बारे में जानने के लिए फोर्टिस अस्पताल (वसंत कुंज) में ऑर्थोपेडिक्स के प्रधान निदेशक और एचओडी डॉ. गुरिंदर बेदी से संपर्क किया। जानते हैं इस बारे में क्या है डॉक्टर की राय-

घुटने में अकड़न के कारण
डॉक्टर बताते हैं कि घुटने की अकड़न कई मेडिकल कंडीशन का संकेत हो सकती है। इसके सबसे आम कारणों में से कुछ रुमेटाइड आर्थराइटिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस, जिसे अक्सर वियर एंड टियर आर्थराइटिस कहा जाता है, एक दर्दनाक, कठोर और सूजे हुए घुटने की स्थिति है। यह समस्या आमतौर पर घुटने के जोड़ में कार्टिलेज के लॉस के कारण होती है।

इन वजहों से भी होती है अकड़न
वहीं, रुमेटाइड आर्थराइटिस एक ऑटो इम्यून डिजीज है, जो घुटने में सूजन का कारण बनता है, जिससे दर्द और स्टीफनेस होती है। घुटने की अकड़न को अन्य विकारों जैसे टेंडिनिटिस, बर्साइटिस और गाउट के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है और इसे दवा, फिजिकल थैरेपी और जीवनशैली में बदलाव के साथ आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है।

घुटनों की अकड़न से कैसे बचें?
हालांकि, गंभीर गठिया जैसी सीवियर घुटने की समस्या में जब ये आसान घरेलू तरीके मरीजों को दर्द और अकड़न से राहत देने में विफल होते हैं, तो लंबे समय तक राहत के लिए नी रिप्लेसमेंट ही एकमात्र इलाज हो सकता है। इसके अलावा निम्न वालों को ध्यान रख इससे राहत पाई जा सकती है-

  • घुटने के आसपास की मांसपेशियों की ताकत बढ़ने से जोड़ पर तनाव कम हो जाता है। ऐसे में आप लेग लिफ्ट और हैमस्ट्रिंग कर्ल जैसी एक्सरसाइज कर सकते हैं।
  • स्ट्रेच और एक्सरसाइज जैसे अभ्यास घुटनों गतिशील रखते हैं। इनकी मदद से आपके स्टीफ घुटने को गतिशीलता मिलता है।
  • कार्डियो एक्सरसाइज जैसे साइकिल चलाना और तैराकी किसी व्यक्ति के ऊर्जा स्तर को बढ़ा सकती है। साथ ही उसके घुटने पर पड़ने वाले अतिरिक्त दबाव या वजन को कम कर सकते हैं, जो घुटने पर पहले से ज्यादा दबाव डाल सकता है।
  • बैलेंस एक्सरसाइज घुटने के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और गिरने के जोखिम को भी कम करते हैं, जो जोड़ों को और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। इस तरह की एक्सरसाइज leg standing and standing on a foam pad शामिल हैं।

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