जावेद अख्तर ने की ‘एनिमल’ की आलोचना…

हाल ही में एक साक्षात्कार में जावेद अख्तर ने आज भारतीय सिनेमा में ‘एंग्री यंग मैन’ के चरित्रों पर विचार किया और कहा, “साउथ में भी, फिल्म का हीरो एक कैरिकेचर में बदल रहा है। अब वह उस तरह का आदमी है, जो चाहता है कि एक महिला उसका जूता चाटे।”

मशहूर कवि, गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर अपने बेबाक बयान के लिए जाने जाते हैं। वह समाज समेत इंडस्ट्री के विभिन्न विषयों पर भी अपने विचार साझा करते नजर आते हैं। हाल ही में, प्रसिद्ध पटकथा लेखक ने संदीप रेड्डी वंगा की एनिमल पर कटाक्ष किया है और फिल्म के सीन को लेकर काफी आलोचना भी की है।

जावेद ने बताई एंग्री मैन की परिभाषा
वी आर युवा के साथ हाल ही में एक साक्षात्कार में जावेद अख्तर ने आज भारतीय सिनेमा में ‘एंग्री यंग मैन’ के चरित्रों पर विचार किया और कहा, “साउथ में भी, फिल्म का हीरो एक कैरिकेचर में बदल रहा है। अब वह उस तरह का आदमी है, जो चाहता है कि एक महिला उसका जूता चाटे। वह पहले से ही एक गुस्सैल पुरुष या एक मजबूत आदमी के कैरिकेचर में बदलना शुरू कर रहा है, लेकिन अगल तरह से।”

रणबीर की एनिमल की जमकर की आलोचना
इंटरव्यू में आगे जावेद से पूछा गया कि क्या उन्होंने एनिमल देखी है। इस पर उन्होंने कहा, “मैंने एनिमल नहीं देखी है। लोगों ने मुझे इसके बारे में बताया, और मैंने समाचारों में पढ़ा कि फिल्म का हीरो महिला किरदार को अपना जूता चाटने के लिए कहता है। वह नीचे झुकती है, लेकिन भगवान का शुक्र है कि उन्होंने उस सीन को वहीं काट दिया और इसे आगे नहीं बढ़ाया।”

अमिताभ बच्चन और जावेद-सलीम का दिया उदाहरण
जावेद अख्तर ने आगे कहा कि जब लोग ‘एंग्री यंग मैन’ के विचार की नकल कर रहे थे, तो वे यह देखने में विफल रहे कि जंजीर में अमिताभ बच्चन का ‘एंग्री यंग मैन’ न केवल गुस्से में था, बल्कि “गहरी चोट” में भी था। 1970 के दशक में, जब जावेद-सलीम ने ‘एंग्री यंग मैन’ का सांचा बनाया, तो युवा लोग रोजगार के अवसरों की कमी के कारण सत्ता से नाराज थे।

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