विपक्ष की ओर से भाजपा को लेकर बनाई गई आरक्षण और संविधान विरोधी छवि को ध्वस्त करने के लिए भाजपा शासित राज्य बड़ी मुहिम चलाएंगे। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपने मुख्यमंत्रियों को सरकार और संगठन के बीच हर स्तर पर समन्वय बनाने का सख्त निर्देश दिया है।
विपक्ष की ओर से भाजपा को लेकर बनाई गई आरक्षण और संविधान विरोधी छवि को ध्वस्त करने के लिए भाजपा शासित राज्य बड़ी मुहिम चलाएंगे। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपने मुख्यमंत्रियों को सरकार और संगठन के बीच हर स्तर पर समन्वय बनाने का सख्त निर्देश दिया है। भाजपा शासित राज्यों को रोजगार पर विशेष ध्यान देने, केंद्रीय योजनाओं को युद्धस्तर पर जमीन पर लागू करने और धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने को भी कहा गया है।
भाजपा शासित राज्यों के 13 मुख्यमंत्रियों और 15 उपमुख्यमंत्रियों की बैठक दूसरे दिन रविवार को भी हुई। इसमें त्रिपुरा के आमार सरकार कार्यक्रम, असम में एक लाख युवाओं को नौकरी देने की योजना, यूपी सरकार की ग्रामीण सचिवालय योजना, गुजरात सरकार की सौर ऊर्जा निर्माण और बिहार सरकार के अवैध खनन पर रोक अभियान की जमकर तारीफ हुई। सरकार और आम लोगों के बीच सीधे जुड़ाव और युवाओं की नाराजगी खत्म करने के लिए अन्य राज्यों से भी भविष्य में ऐसे ही प्रयास करने का आह्वान किया गया है।
समन्वय पर नेतृत्व सख्त : बैठक में सबसे अधिक जोर सरकार और संगठन के बीच समन्वय को लेकर रहा। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि समन्वय हर स्तर पर और हर हाल में होना चाहिए। राज्य की योजनाओं के प्रचार, प्रसार और उचित लोगों तक पहुंच के लिए सरकार संगठन को माध्यम बनाएं। संगठन से फीडबैक लेकर नई नीति और योजना बनाई जाए।
विकसित भारत के लिए समन्वित प्रयास जरूरी : पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत के लिए विरासत का विकास और विकास की विरासत को हथियार बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें अधिक मजबूती से लोक कल्याण के लिए समन्वित प्रयास करती हैं तो विकसित भारत का लक्ष्य निश्चित रूप से हासिल होगा। मुख्यमंत्री परिषद के समापन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाने के लिए विकास कार्यक्रमों में जनभागीदारी पर और अधिक बल देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कल्याणकारी और परिवर्तनकारी सरकारी योजनाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्मों का उपयोग करें। हर योजना लक्षित लाभार्थी वर्ग तक पहुंचे, इसकी सशक्त प्रणाली बनाएं।
प्राचीन धरोहरों की तत्काल कराएं मरम्मत : मुख्यमंत्रियों से अयोध्या, काशी विश्वनाथ और उज्जैन कॉरिडोर की तर्ज पर राज्य से जुड़े धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के महत्व को अपने एजेंडे में प्राथमिकता के तौर पर लेने का निर्देश दिया गया। कहा गया कि राज्य सरकारें ऐसे स्थलों का विकास करें। कोई प्राचीन धरोहर है तो तत्काल उसकी मरम्मत करे।
वंचित वर्ग से जुड़ीं योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करें : बैठक में विपक्ष की ओर से मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ बनाई गई संविधान और आरक्षण विरोधी धारणा पर लंबी चर्चा हुई। राज्य सरकारों को इस धारणा को तोड़ने के लिए वंचित वर्ग से जुड़ी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने, कांग्रेस के आपातकाल पर चर्चा कराने की रणनीति बनी।
निराश न हों : पीएम मोदी ने इस दौरान मुख्यमंत्रियों की हौसला अफजाई भी की। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम से निराश होने की जरूरत नहीं है। पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। राज्य सरकारें पहले की तरह सुशासन और विकास पर ध्यान दें। वंचित और गरीब लक्षित योजनाएं बनाएं। इससे जुड़ी पूर्व में चल रही योजनाओं को सफलतापूर्वक जमीन पर उतारें।
नई शिक्षा नीति पर चर्चा : बैठक में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई शिक्षा नीति पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि इस नीति को जमीन पर उतारने के लिए राज्य सरकारों को किस तरह की भूमिका अपनानी चाहिए। उन्होंने इस संदर्भ में राज्य सरकारों को अपनी अपेक्षाओं से भी अवगत कराया।
नया सोचें, नया करें : पीएम ने पार्टी शासित राज्यों से नया सोचने और लगातार नया करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए सत्ता शासन का जरिया नहीं, बल्कि जनकल्याण है। भाजपा का लक्ष्य वंचित, गरीब, किसान, महिलाओं का उत्थान करना है। इन्हें देश के विकास का सही अर्थों में साझीदार बनाना है। ऐसे में राज्य सरकारें इन्हें ही केंद्र में रखकर नया करने की सोचें और नया करें। नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं के माध्यम से इनके जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए जीजान से जुट जाएं।