दिल्ली छावनी बोर्ड को खत्म करके बनाया जाएगा एमसीडी का हिस्सा

इस संबंध में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली छावनी बोर्ड रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इसी कारण दिल्ली छावनी बोर्ड के चुनाव कराने की प्रक्रिया भी रोक दी गई है।

दिल्ली छावनी बोर्ड को खत्म करके उसे एमसीडी का हिस्सा बनाया जाएगा। इस संबंध में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली छावनी बोर्ड रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इसी कारण दिल्ली छावनी बोर्ड के चुनाव कराने की प्रक्रिया भी रोक दी गई है। बोर्ड के चुनाव गत वर्ष के अंत तक होने थे। राजधानी में दिल्ली छावनी बोर्ड के खत्म होने पर दिल्ली में एमसीडी व एनडीएमसी के तौर पर दो स्थानीय निकाय रह जाएंगे। इससे पहले तीनों नगर निगम का एकीकरण करके एक एमसीडी बनाई गई थी।

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने देश भर के सभी छावनी बोर्डों को खत्म करके उनके इलाकों को स्थानीय निकायों का हिस्सा बनाने का निर्णय लिया है। इस कड़ी में देश के अन्य छावनी बोर्डों की तरह दिल्ली छावनी बोर्ड को भी खत्म करके उसे एमसीडी का हिस्सा बनाया जा रहा है। इस बारे में दिल्ली छावनी बोर्ड रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। वह कुछ समय बाद रिपोर्ट केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के पास भेजेगा। इसके बाद बोर्ड के हिस्से को एमसीडी में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी। दरअसल बोर्ड को खत्म करके उसके हिस्से को एमसीडी में शामिल करने के लिए संसद में एक विधेयक लाकर उसे पास करना पड़ेगा।

8 वार्ड हैं छावनी बोर्ड में
दिल्ली छावनी बोर्ड में वर्तमान में आठ वार्ड हैं और उनमें एक वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। जबकि तीन वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित है। लिहाजा चार वार्ड सामान्य है। बाेर्ड ने गत वर्ष चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। इस कड़ी में उसने वार्डों का परिसीमन करके उन्हें नए सिरे से गठित किया था। इसके अलावा वार्डों को अनुसूचित जाति व महिलाओं के लिए आरक्षित भी कर दिया गया था। दिल्ली छावनी बोर्ड के पिछले दो चुनाव से भाजपा ने जीत हासिल की थी।

बोर्ड कोे खत्म करने की प्रक्रिया पहले भी हुई थी शुरू
दिल्ली छावनी बोर्ड को एमसीडी का हिस्सा बनाने का निर्णय गत वर्ष के अंत में भी लिया गया था। तब दिल्ली छावनी बोर्ड के अधिकारियों ने प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी, मगर लोकसभा चुनाव नजदीक आने पर यह प्रक्रिया रोक दी गई थी। लिहाजा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद देश भर के सभी छावनी बोर्डों की तरह दिल्ली छावनी बोर्ड को खत्म करके स्थानीय निकायों का हिस्सा बनाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है।

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